प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा है कि वाराणसी (Varansai) का श्री काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) उन्होंने अपने चुनाव के लिए नहीं बनवाया है.उन्होंने कहा कि ऐसी पहल से देश का आत्मविश्वास बढ़ता है.उन्होंने कहा कि यह सब देश में पहले हो जाना चाहिए था. प्रधानमंत्री शनिवार को  विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम वाराणसी में काशी के प्रबुद्ध लोगों के साथ चर्चा कर रहे थे.


पीएम मोदी के लोकसभा चुनाव के अनुभव


नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में 2014 के लोकसभा चुनाव का अपना अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि उस समय सरकार से सभा के लिए इजाजत नहीं मिली.लोगों से संवाद नहीं हो सका,फिर भी यहां के लोगों से आत्मिक जुड़ाव महसूस हुआ.जब जीत कर आया तो सबसे पहले 'गंगा आरती'की और निश्चय किया जिन लोगों ने उनको चुना, बिना जान-पहचान और संवाद किए चुना,उनके लिए कुछ करेंगे.काशी के मन में चल रही बात मैं समझ लेता हूं.यहां के बदलाव में धन का रोल कम है.कोई यह भ्रम न पाले कि यहां का सांसद हूं तो खजाना खाली कर रहा हूं. यहां की महान विरासत का संबंध विकास से है.


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उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्थिरता विकास की अनिवार्य शर्त है. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले 30 साल तक स्थिर सरकार नहीं रही.मिलीजुली सरकार बनी, जिसमें बंदरबांट हुआ.रेल मंत्रालय तक में कोई बड़े निर्णय नहीं हो सके.आज जो कुछ मैं कर पा रहा हूं,उसमें देशवासियों का ही योगदान है.विकास के लिए निरंतरता वाली स्थायी सरकार जरूरी है. 


उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से भी ज्यादा समय तक वे 'हेड आफ द गवर्मेंट' रहे. इस कारण सबसे लंबे समय तक काम करने का मौका मिला है. मीडिया में यह बात कम आती है. लेकिन मेरे परिवार का कोई सदस्य राजनीति में नहीं है.मेरी अपनी कोई जाति-बिरादरी नहीं है.


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