प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम को जनता को समर्पित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत में जब भी औरंगजेब पैदा हुआ, तब इस मिट्टी से शिवाजी का भी उदय हुआ. उन्होंने कहा कि यह देश बाकी दुनिया से अलग है. प्रधानमंत्री के भाषण में औरंगजेब के जिक्र को चुनावी राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुगल शासक औरंगजेब की नई इंट्री है. इससे पहले पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना का जिक्र आया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा
मोदी ने कहा था, ''आक्रमणकारियों ने इस शहर पर हमला किया. इसे नष्ट करने की कोशिश की. औरंगजेब के अत्याचार और आतंक का इतिहास गवाह है. उसने कट्टरता से संस्कृति को दबाने की कोशिश की. लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से अलग है. यहां अगर औरंगजेब आया, तो शिवाजी का भी उदय हुआ.'' नरेंद्र मोदी के काशी में दिए भाषण को सार मुख्य तौर पर हिंदुओं की एकता का रहा. इस दौरान उन्होंने मुगल शासकों और अंग्रेजों का जिक्र किया, जिनसे भारतीयों ने लड़ाई लड़ी. यह जिक्र कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदू एकता का संदेश देते नजर आए. बीजेपी को उम्मीद है कि इससे उसका वोट बैंक मजबूत होगा.
वोट बैंक की इस राजनीति के लिए ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के इस उद्घाटन समारोह को भव्य बनाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा में स्नान करते और मंदिरों में पूजा अर्चना करते नजर आए. प्रधानमंत्री की विराट हिंदू नेता की छवि पेश की गई. इसका उसे उत्तर प्रदेश के चुनाव में फायदा हो सकता है. जहां उसके पास योगी आदित्यनाथ के रूप में कट्टर हिंदू नेता पहले से ही मौजूद है. गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ केसरिया पहन कर साधु के वेश में रहते हैं. जो बीजेपी के हिंदुत्व का प्रतीक है.
औरंगजेब के बहाने किस पर निशाना साध रही है बीजेपी
बीजेपी के लिए औरंगजेब पर राजनीति करना कोई नई बात नहीं है. वह दिल्ली में औरंगजेब रोड का नाम बदलवा चुकी है. दरअसल इसके जरिए वह हिंदू-मुसलमान राजनीति को साधती है. इतिहास में औरंगजेब का जिक्र एक क्रूर शासक के रूप में हुआ है. कई जगह उसे हिंदू विरोधी भी बताया गया है. हालांकि यह सिक्के का एक दूसरा पहुलू है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में औरंगजेब का जिक्र कर समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव को घेरने की कोशिश की. जिनका मुसलिम-यादव वोट बैंक हैं. अखिलेश यादव अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं. उन्होंने 31 अक्टूबर को हरदोई की एक जनसभा में पाकिस्तान संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का जिक्र कर दिया था. इसको लेकर बीजेपी नेताओं ने अखिलेश यादव की काफी आलोचना की थी. उसके बाद से ही बीजेपी के निशाने पर अखिलेश यादव हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 दिसंबर को पूर्वांचल के एक और बड़े शहर गोरखपुर गए थे. वहां दिए भाषण में उन्होंने लोगों से लाल टोपी वालों से सावधान रहने को कहा था. उनका इशारा समाजवादी पार्टी की लाल टोपी पर थी.
दरअसल बीजेपी यूपी के चुनाव को अखिलेश बनाम योगी आदित्यनाथ नहीं बनाए रखना चाहती है. उसे लगता है कि ऐसा करने से उसकी लड़ाई कमजोर होगी. क्योंकि प्रशासनिक मामलों में योगी आदित्यनाथ सरकार का रिकॉर्ड कमजोर है. वहीं वह अखिलेश यादव की जनसभाओं और रोड शो में जुटने वाली भीड़ से भी परेशान है. इसलिए अब वह यूपी के चुनाव को अखिलेश यादव बनाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करना चाहती है. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इशारों-इशारों में सीधे अखिलेश यादव पर हमला कर रहे हैं.