उत्तर प्रदेश में टिकटों के बटंवारे के बाद अब बगावत के सुर भी मुखर होने लगे हैं. समाजवादी पार्टी ने मुरादाबाद में दो विधायकों के टिकट काट दिए हैं. दोनों विधायकों ने बगावत का रास्ता अख्तियार कर लिया है. दोनों निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. उनका यह कदम इस चुनाव से सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठी समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किल हालात पैदा कर सकते हैं. वहीं सपा और रालोद के गठबंध नें भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. टिकट बंटवारे से दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता नाराज बताए जा रहे हैं. कई जगह वो बागी भी हो गए हैं.

  


सपा ने अपने विधायकों के टिकट काटे


पीतल नगरी के नाम से मशहूर पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी मुसीबत में फंसती नजर आ रही है. वहां सपा ने अपने दो विधायकों के टिकट काट दिए हैं. इसके बाद से दोनों विधायक बगावत पर उतर आए हैं. सपा ने मुरादाबाद देहात विधानसभा सीट से विधायक हाजी इकराम कुरैशी का टिकट काटकर हाजी नासिर कुरैशी को दिया है. इकराम कुरैशी ने सपा प्रमुख  अखिलेश यादव पर पूंजीपति को टिकट देने का आरोप लगाया है. उनका दावा है कि वो पिछले 28 साल से सपा के साथ थे, लेकिन अब उनके समर्थक और जनता जो फैसला करेंगे, उसी के आधार पर अपना अगला कदम उठाएंगे. 


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सपा ने मुरादाबाद की कुन्दरकी विधानसभा सीट से अपने विधायक हाजी रिजवान का भी टिकट काट दिया है. उनकी जगह पर संभल के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियाउर्रहमान बर्क को टिकट मिलने की संभावना है. रिजवान इससे पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं. टिकट कटने से नाराज दोनों विधायक सपा प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. मुरादाबाद जिले में विधानसभा की कुल 6 सीटें हैं, 2017 के चुनाव में सपा ने इनमें से 4 सीटें जीती थीं. 


सपा-रालोद गठबंधन में सबकुछ ठीक चल रहा है


विधानसभा चुनाव के लिए इस बार सपा और राष्ट्रीय लोकदल ने गठबंधन किया है, लेकिन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के साथ इस गठबंधन में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. दोनों दलों में बगावत के सुर मुखर हो रहे हैं. हालत यह है कि मुजफ्फरनगर, मेरठ, मथुरा और आगरा की कई सीटों पर दोनों दलों के नेता आमने-सामने आ गए हैं. सपा के विधान परिषद सदस्य संजय लाठर मथुरा के मांट विधानसभा क्षेत्र से आरएलडी के उम्मीदवार हैं. सपा नेता को आरएलडी का उम्मीदवार बनाए जाने का स्थानीय आरएलडी नेता विरोध कर रहे हैं. वहां से आरएलडी के योगेश नौहवार भी दावेदारी कर रहे हैं. आरएलडी सपा नेता को ऐसी सीट से चुनाव लड़वा रही है, जहां उसके उम्मीदवार योगेश नौहवार पिछले चुनाव में केवल 600 वोटों से हारे थे.  उन्होंने फिर आरएलडी उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा है.  उनका कहना है कि उन्हें जयंत चौधरी ने खुद ही टिकट दिया था. 


कहां-कहां नाराज हैं आरएलडी के नेता


सपा-आरएलडी गठबंधन में टिकट बंटवारे से नाराज नेताओं में आगरा देहात से पूर्व विधायक काली चरण सुमन का भी नाम है. वो आरएलडी के नेता है. अब जब आरएलडी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो उन्होंने बीजेपी का रुख कर लिया है. मेरठ के सिवालखास और बागपत के छपरौली में बगावत है. 


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समाजवादी पार्टी ने 32 सीटें जयंत चौधरी के राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को दी हैं. इनमें से 8 सपा के उम्मीदवार हैं, जो आरएलडी के चुनाव निशान पर मैदान में हैं. इस वजह से भी आरएलडी के नेता बगावती सुर अपनाए हुए हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों दल इस बगावत से कैसे निपटते हैं और अपने नाराज नेताओं को कैसे मनाते हैं.