समाजवादी पार्टी ने लखनऊ की मोहनलालगंज विधानसभा सीट के विधायक का टिकट काट दिया है. उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया था. इसके बाद से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित यह सीट चर्चा में आ गई. सपा इस सीट ने 3 बार उम्मीदवार बदल चुकी है. सपा ने 2007 के बाद से यहां जीते हर विधायक का टिकट काटकर किसी और को दे दिया है. पार्टी ने यह परंपरा इस बार भी कायम रखी है. इस बार जिनको टिकट दिया गया है, उनके दो रिश्तेदार अलग-अलग सीटों से चुनाव मैदान में हैं.
कब-कब किसे टिकट दिया गया
सपा ने संत बख्श को छोड़कर दो बार लगातार अपने उम्मीदवार बदल दिए. संत बख्त 5 बार विधायक रहे. वो 2007 में अंतिम बार सपा के टिकट पर लड़े थे. सपा ने 2012 में चंद्रा रावत को टिकट दे दिया. उसके बाद 2017 में सपा चंद्रा रावत का टिकट काटकर अंबरीश कुमार को टिकट दे दिया. वो चुनाव जीते भी.
अंबरीश कुमार ने इस बार भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया था. लेकिन अंत में उनका टिकट काटकर सपा ने पूर्व सांसद सुशीला सरोज को टिकट दे दिया. सुशीला सरोज के दामाद अनुराग भदौरिया लखनऊ पूर्व सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए हैं. सुशील सरोज के छोटे दामाद के भाई और पूर्व विधायक मनीष रावत बीजेपी के टिकट से सीतापुर की सिधौली सीट से उम्मीदवार हैं.