समाजवादी पार्टी ने लखनऊ उत्तर विधानसभा सीट से पूजा शुक्ल को टिकट दिया है. उनका कहना है कि वो संघर्ष और जनसमर्थन के दम पर बीजेपी का किला ढहाने का काम करेंगी. उनका कहना है कि प्रदेश में सपा की सरकार बनना तय है. पूजा शुक्ल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखाकर चर्चा में आई थीं. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. वो 26 दिन तक जेल में रही थीं.  


अखिलेश यादव की करीबी की टिकट काटकर मिला टिकट


समाजवादी पार्टी में पूजा की अहमियत को इस तरह से समझा जा सकता है कि पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता और अखिलेश यादव के करीबी अभिषेक मिश्र का टिकट काटकर टिकट दिया है. अभिषेक को लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से मैदान में उतारा गया है. जहां उनका मुकाबला आईआरएस की नौकरी छोड़ने वाले ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह से है. लखनऊ उत्तर में पूजा शुक्ल का मुकाबला बीजेपी के नीरज बोरा से होगा.


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पूजा शुक्ल ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि वो एक गैरराजनीतिक परिवार से आती हैं. यह उनके लिए प्रतिष्ठा की बात है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उनपर भरोसा किया और उनके काम को सराहा है. उन्होंने कहा कि वो कोशिश करेंगी कि वो इस विश्वास पर खरी उतरें और 10 मार्च को अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने में योगदान दूं. उनका कहना था कि उन्होंने हमेशा ही संघर्ष किया है और जब सपा की सरकार आएगी तो जिनके साथ अन्याय हुआ है, उन्हें न्याय दिलाने का काम करेंगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी की जनविरोधी नितियों के खिलाफ पूरी समाजवादी पार्टी मजबूती से खड़ी है. उन्होंने कहा कि यह समय अन्याय के खिलाफ लड़ने का है और उनकी पार्टी ने अन्याय के खिलाफ लड़ने वालों की पहचान कर उन्हें सम्मान दिया है. 


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिखाया था झंडा


पूजा शुक्ला ने कहा कि जब कोई व्यक्ति काम नहीं करता है तो वह बहाने बनाता है और आज बीजेपी के लोग भी यही काम कर रहे हैं. उनका कहना था कि पिछले 5 साल में वो अपने क्षेत्र के हर घर और हर बूथ पर गई हैं, इसलिए उनके लिए यह चुनाव बहुत कठिन नहीं होगा. 


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लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा पूजा शुक्ल 2017 में तब चर्चा में आ गई थीं, जब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को काला झंडा दिखा दिया था. योगी आदित्यनाथ लखनऊ विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में भाग लेने गए थे. वहां पूजा शुक्ल ने उनका विरोध किया था. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. पूजा की एक तस्वीर वायरल हुई थी.इसमें पुलिस उन्हें घसीटते हुए ले जा रही थी. उन्हें 26 दिन तक जेल में रहना पड़ा था. 


पूजा शुक्ल ने लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन किया था. लेकिन उनका आवेदन कैंसिल कर दिया गया. इसके विरोध में वो करीब दो महीने तक हड़ताल पर बैठी रही थीं. पूजा ने अपने सियासी सफर की शुरूआत वामपंथी छात्र संगठन आइसा से की थी. बाद में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं.