(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Election 2022: सुभासपा नेता ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी नेता अनिल राजभर को बताया लोडर, शिवपुर से चुनाव लड़ने पर कही यह बात
UP Election 2022: सुभासपा प्रमुख ने कहा कि 2017 का चुनाव हुआ तब बीजेपी के टिकट 156 अपराधी प्रवृत्ति के एमएलए जीत कर आए. उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपना मुकदमा खुद वापस ले लिया था.
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि लोडर और लीडर में अंतर होता है. उन्होंने कहा कि लोडर की औकात क्या होती है और लीडर की क्या हैसियत होती है. उनका इशारा बीजेपी नेता और मंत्री अनिल राजभर की ओर था. उन्होंने कहा कि अगर लोडर बोलते हैं तो मालिक इनकी जबान काट लेता, हम मंत्री थे तब भी मुख्यमंत्री से लड़ते थे, दिल्ली जाकर लड़ते थे.
बीजेपी के आपराधिक रिकॉर्ड वाले विधायकों पर राजभर ने क्या कहा
उन्होंने कहा कि जब 2017 का चुनाव हुआ तब बीजेपी के टिकट 156 अपराधी प्रवृत्ति के एमएलए जीत कर आए. उन्होंने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपना मुकदमा खुद वापस ले लिया. उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास एकके-47 है तो हमें भी एके-56 रखना पड़ेगा.
समाजवादी पार्टी के टिकट बंटवारे पर सुभासपा प्रमुख ने कहा कि सपा ने ब्राह्मण को भी यादव को भी ठाकुर को भी पिछड़ा को भी, सबको टिकट दिया है. उन्होंने कहा कि यहां सामाजिक समरसता दिखती है. हमारी कोशिश होगी कि कम से कम हमारे 14 विधायक चुनाव जीत कर आए जिससे हम अपनी पार्टी को मान्यता प्राप्त घोषित करवा सकें. पार्टी के नेताओं की चाहत है की मैं वाराणसी के शिवपुर से चुनाव लड़ूं, हम उस पर विचार करेंगे.
वाराणसी की किस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं ओमप्रकाश राजभर
सुभासपा नेता ओपी राजभर जहूराबाद से विधायक हैं. जहूराबाद राजभर बाहुल्य इलाका है. वहीं शिवपुर विधान सभा में 70 हजार यादव, 50 हजार राजभर, 30 हजार पटेल, 18 हजार पाल, 15 हजार लोहार और 25 हजार राजपूत और ब्राह्मण वोटर हैं. समीकरण कहते हैं कि ओपी राजभर सपा गठबंधन से हैं और इस विधान सभा में यादव और राजभर वोट सबसे ज्यादा हैं, इससे उन्हें फायदा मिल सकता है.
ओपी राजभर और बीजेपी नेता और योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री अनिल राजभर के बीच राजनीतिक जुबानी जंग पहले से जग जाहिर है. अगर ये दोनों राजभर नेता शिवपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनावी अखाड़े में उतरते हैं तो लड़ाई दिलचस्प हो जाएगी. राजभर बनाम राजभर की लड़ाई की खबर से ही राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. अब देखना यह होगा कि आगे का फैसला क्या होता है?