UP Election 2022: अखिलेश यादव की सलाह, चुनाव ना लड़ें सीएम योगी आदित्यनाथ क्योंकि...
Akhilesh Yadav on Yogi Adityanath: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को विधानसभा चुनाव ना लड़ने की सलाह दी है. अखिलेश ने कहा कि योगी जी को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए क्योंकि वो जा रहे हैं.
UP Assembly Election 2022 News: यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी लगातार योगी सरकार पर हमला कर रहे हैं. अखिलेश ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फिर बीजेपी को आड़े हाथ लिया है. अपनी पीसी के दौरान अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को चुनाव ना लड़ने की सलाह दी है. अखिलेश ने कहा, "अब सीएम को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, क्योंकि वो जा रहे हैं." उन्होंने ये भी कहा कि मेरी पार्टी मेरे चुनाव लड़ने का निर्णय लेगी.
जातिगत जनगणना का समर्थन किया
अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना का समर्थन किया है. अखिलेश ने कहा कि आजादी के बाद जिन जातियों को सम्मान नहीं मिला, उनके बारे में पता करने के लिए जातीय जनगणना की जानी चाहिए. पिछड़ी जातियों को आबादी के हिसाब से सम्मान मिलना चाहिए.
"पेट्रोल-डीजल जीरो भी कर दें, तो भी हारेंगे"
हाल में ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करने को लेकर भी अखिलेश हमला करने से नहीं चूके. अखिलेश ने कहा, "बीजेपी ये सोचती है कि कुछ पैसे कम कर दे तो जनता साथ खड़ी है. हमारा मानना है कि डीजल-पेट्रोल जीरो कर देंगे, तो भी यूपी की जनता बीजेपी का सफाया कर देगी. उपचुनाव हारते ही बीजेपी को पेट्रोल-डीजल नजर आने लगा है. इन लोगों को सिलेंडर क्यों नहीं नजर आ रहा? सिलेंडर की कीमत आज कहां पहुंच गई है? डीजल पेट्रोल के महंगे होने से सब कुछ महंगा हो जाता है. बीजेपी के लोग 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की बात करते हैं, लेकिन महंगाई बहुत ज्यादा है."
"सब कुछ बेचना चाहती है सरकार"
अखिलेश ने ये भी कहा कि सरकार सबकुछ बेच रही है, सरकार सब कुछ बेचना चाहती है. अगर सरकार बनी रही तो सरकार भी आउटसोर्स हो जाएगी. इसीलिए हम सबको सावधान रहना है. मुझे खुशी है कि जनवादी सोशलिस्ट पार्टी का अपना कार्यालय हो गया है. ये अभी शुरुआत है.
अखिलेश ने ये भी कहा कि यूपी में इतनी खराब कानून व्यवस्था कभी नहीं हुई जितनी आज है. बेटियों, बहनों के साथ घटनाएं घट रही हैं. पुलिस के माध्यम से भी उत्पीड़न हो रहा है. पुलिस के सामने कोई सुनवाई नहीं है. हिरासत में सबसे ज्यादा मौतें भी उत्तर प्रदेश में ही हुई है.
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