कांग्रेस को आज उत्तर प्रदेश में एक बहुत बड़ा झटका लगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड के प्रभारी आरपीएन सिंह मंगलवार को बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने दिल्ली में बीजेपी की सदस्यता ली. वो कांग्रेस के टिकट पर 3 बार विधानसभा और 1 बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं. आइए जानते हैं कि उनसे पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के कितने नेता दूसरे दलों में शामिल हो चुके हैं. 


उत्तर प्रदेश में कांग्रेस छोड़ने वाले नेता


बरेली से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य रहे प्रवीन ऐरेन अभी दो दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं. उनके साथ बरेली की पूर्व मेयर और उनकी पत्नी सुनीता ऐरेने भी समाजवादी पार्टी में शामिल हुईं. काफी समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद पिछले साल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने उन्हें योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया था. वो प्रदेश में ब्राह्मण नेता के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं. कहा जा रहा हैं कि वो ब्राह्मणों को बीजेपी के पक्ष में लामबंद करेंगे.


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उन्नाव से सांसद रही अनु टंडन नवंबर 2020 में कांग्रेस छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गई थीं.  सपा में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा था कि वो 2019 में कांग्रेस को मिली हार से काफी निराश थीं. कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य रहे संजय सिंह अगस्त 2019 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी में शामिल होने से एक दिन पहले ही उन्होंने राज्य सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. वो अमेठी राजघराने के राजा हैं.


उत्तर प्रदेश के एक दिन के मुख्यमंत्री ने भी छोड़ी थी कांग्रेस


पूर्व विदेश मंत्री दिनेश सिंह की बेटी और प्रतापगढ़ की पूर्व सांसद राजकुमारी रत्ना सिंह अक्तूबर 2019 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गई थीं. उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी में शामिल किया था. रत्ना सिंह 1996, 1999 और 2009 में प्रतापगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुनी गई थीं. साल 2009 में कांग्रेस के टिकट पर अकबरपुर से लोकसभा का चुनाव जीत राजाराम पाल पिछले साल नवंबर में सपा में शामिल हो गए थे. इससे एक दिन पहले तक वो वाराणसी में प्रियंका गांधी की रैली में उनके साथ थे. वो 2004 में अकबरपुर से ही बसपा के टिकट पर सासंद चुने गए थे. वो पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में बसपा से निकाले गए थे. 


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समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे बेनी प्रसाद वर्मा भी 2009 से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे. वो 2009 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा भी पहुंचे थे. लेकिन वर्मा 2016 में एक बार फिर सपा में लौट आए थे. उनका 27 मार्च 2020 को निधन हो गया था. जगदंबिका पाल को उत्तर प्रदेश में एक दिन का मुख्यमंत्री कहा जाता है. वो 2014 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने उन्हें डुमरियागंज से लोकसभा का टिकट दिया था. वो 2014 और 2019 में उस सीट से जीते. वो इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर भी जीत चुके हैं. पाल उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकारों में महत्वपूर्ण विभागों का मंत्री पद संभाल चुके हैं.