उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारी तेज कर दी है. राजनीतिक दलों का जोर अधिक से अधिक सीटें जीतने पर है. सबसे अधिक दबाव बीजेपी (BJP) पर है. पिछले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2017) में उसने अबतक का शानदार प्रदर्शन किया था. उस चुनाव में बीजीप ने अकेले के दम पर 312 सीटों पर कब्जा जमाया था. ऐसे में उस पर अपना पिछला प्रदर्शन दोहराने का दबाव है. आइए उन पांच उन सीटों की बात करते हैं, जिन पर बीजेपी ने 2 हजार से कम के अंतर से जीत दर्ज की थी. यहां जानिए की इन सीटों पर दूसरे नंबर पर कौन रहा था.
किन सीटों पर जीत का अंतर 2 हजार से कम था
दो हजार से कम अंतर से जिन सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी, वो सीटे हैं- श्रावस्ती, भदोही, टांडा, पट्टी और भरथना. श्रावस्ती सीट बीजेपी ने 445, भदोही सीट 1102, पट्टी सीट 1473, टांडा सीट 1725 और भरथना सीट पर 1968 वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी.
श्रावस्ती में बीजेपी ने राम फेरन को अपना उम्मीदवार बनाया था. उन्होंने समाजवादी पार्टी के मोहम्मद रमजान को 445 वोटों के मामूमी अंतर से हराया था. राम फेरन को 79 हजार 437 और रमजान को 78 हजार 992 वोट मिले थे.
भदोही में बीजेपी ने रविंद्र नाथ त्रिपाठी पर विश्वास जताया था. वो पार्टी की उम्मीदों पर खरे भी उतरे. उन्होंने सपा के जाहिद बेग को 11 सौ 5 वोट के अंतर से मात दी थी. त्रिपाठी को 79 हजार 519 और बेग को 78 हजार 414 वोट मिले थे.
प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने 2017 में राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोटी को टिकट दिया था. उन्होंने सपा के राम सिंह को 1473 वोटों के अंतर से मात दी थी. मोटी को 75 हजार 11 और राम सिंह को 73 हजार 538 वोट मिले थे.
आंबेडकर नगर जिले की टांडा सीट से बीजेपी की संजू देवी ने सपा के अजीमुल हक पहलवान को 1725 वोट के अंतर से हराया था. संजू देवी को 74 हजार 768 और अजीमुल हक को 73 हजार 43 वोट मिले थे.
मुलायम सिंह यादव के गढ़ में कौन जीता
भरथना विधानसभा सीट सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गृह जिले इटावा में है. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भरथना सीट पर बीजेपी ने 2017 में सावित्री कठेरिया को टिकट दिया था. उन्होंने सपा के कमलेश कुमार कठेरिया को 1968 वोटों के अंतर से मात दी थी. सावित्री को 82 हजार 5 और कमलेश को 80 हजार 37 वोट मिले थे.
बीजेपी ने 2 हजार से भी कम के अंतर से इन सीटों पर उस समय जीत दर्ज की थी, जब यूपी में उसकी आंधी चल रही थी. इन सभी सीटों पर सपा ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी. उम्मीद की जा रही है कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में सपा इन सीटों को जीतने की जी-तोड़ कोशिशें करेगी. वहीं थोड़ी से भी लापरवाही बीजेपी को भारी पड़ सकती है.