UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता क्यों तलाश रहे हैं अपने लिए सुरक्षित सीट, किसके लिए कौन सी सीट है सुरक्षित
UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट और सपा प्रमुख अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. इतने बड़े नेताओं ने क्यों चुनीं ये सीटें.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव इस समय अपने चरम पर है. राजनीतिक दलों ने करीब आधी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए है. इस बार की खास बात यह है कि मुख्यमंत्री पद के दो दावेदार इस बार चुनाव मैदान में ताल ठोकेंगे. ये हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव. बीजेपी और सपा ने इस बात की घोषणा कर दी है कि योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव किस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर और अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल सीट से उम्मीदवार होंगे. ये दोनों सीटें इन दोनों बड़े नेताओं के लिए सुरक्षित मानी जा रही हैं. आइए जानते हैं कि और कितने नेता हैं, जो अपनी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ेंगे या सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे हैं.
योगी आदित्यनाथ लड़ेंगे गोरखपुर शहर सीट से
पहले इस बात की चर्चा थी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा या अयोध्या सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. इस बात को बल इस बात से मिल रहा था कि वो अपने भाषणों में अयोध्या और मथुरा को मुद्दा बना रहे थे. लेकिन बीजेपी ने इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया. बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने 15 जनवरी को घोषणा की कि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. गोरखपुर शहर सीट को योगी आदित्यनाथ के लिए पूरे प्रदेश में सबसे सुरक्षित सीट माना गया. दरअसल इस सीट पर 1989 से ही बीजेपी का कब्जा है. उसके बाद से बीजेपी कभी भी इस सीट से नहीं हारी है.
केशव प्रसाद मौर्य लड़ेंगे सिराथू सीट से
धर्मेंद्र प्रधान ने बताया था कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. दरअसल सिराथू केशव प्रसाद मौर्य का जन्मस्थान है. इसलिए बीजेपी उन्हें वहां से चुनाव लड़वा रही है. मौर्य वहां से 2012 में विधायक चुने गए थे. लेकिन 2014 में फूलपुर से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले 2002 और 2007 में भी वो बीजेपी के टिकट पर सिराथू से चुनाव लड़े थे. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
अखिलेश यादव लड़ेंगे मैनपुरी की करहल सीट से
समाजवादी पार्टी ने शनिवार को घोषणा की कि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल सीट से चुनाव लड़ेंगे. मैनपुरी को सपा का गढ़ माना जाता है. जिस सीट से अखिलेश यादव चुनाव लड़ेंगे, वहां से सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी. मुलायम सिंह यादव भी करहल का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. अखिलेश पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. इसके लिए उन्होंने करहल जैसी सुरक्षित सीट को चुना है.
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अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की इटावा की जसवंतनगर सीट से सपा के उम्मीदवार होंगे. यह सीट भी सपा की परंपरागत सीट है. इस सीट से शिवपाल यादव पांच बार और मुलायम सिंह यादव सात बार विधायक चुने जा चुके हैं. इटावा मुलायम सिंह यादव का गृह जिला भी है.
लखनऊ कैंट सीट पर क्यों है दिग्गज नेताओं की नजर
वहीं खबरें इस बात की भी हैं कि चुनाव लड़ने की स्थिति में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा लखनऊ में एक सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि अगर वो चुनाव लड़ते हैं तो उनकी पहली पसंद लखनऊ कैंट सीट होगी. यह भी बीजेपी की परंपरागत सीट है. यहां पिछले कई दशक से बीजेपी जीतती आ रही है. बीजेपी ज्वाइन करने वाली अपर्णा बिष्ट यादव और बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी की नजरें भी इस सीट पर हैं. जोशी अपने बेटे के लिए यह सीट चाह रही हैं. वो 2017 में इस सीट से विधायक चुनी गई थीं.