प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 25 नवंबर को जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (AIRPORT) की आधारशिला रखेंगे. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश देश (Uttar Pradesh)में सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे वाला प्रदेश हो जाएगा. उत्तर प्रदेश में इस समय 8 हवाई अड्डे काम कर रहे हैं. इनके अलावा 13 हवाई अड्डों और 7 हवाई पट्टियों पर काम चल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ''साल 2012 तक उत्तर प्रदेश में केवल लखनऊ और वाराणसी में ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे थे. प्रदेश के तीसरे अतंरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्तूबर को कुशीनगर में किया. वहीं अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का काम तेजी से चल रहा है. वहां अगले साल के शुरू में हवाई सेवाएं शुरू हो जाने की उम्मीद है.''वाराणसी, कुशीनगर और अयोध्या उत्तर प्रदेश के तीन ऐसे धार्मिक शहर हैं, जहां देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक घूमने के लिए आते रहते हैं.
वहीं जेवर में जिस हवाई अड्डे का प्रधानमंत्री शिलान्यास करेंगे वह प्रदेश का पांचवां अतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा. दरअसल केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता सड़क, रेल, हवाई और जलमार्गों के जरिए निर्बाध आवाजाही सुनिश्ति करने की है. प्रधानमंत्री के गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान की वजह से उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के काम में तेजी आई है.
कई तरह की यातायात व्यवस्था
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण गौतम बुद्धनगर जिले के जेवर कस्बे के पास किया जा रहा है. दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से इसकी दूरी करीब 72 किलोमीटर है. यह नोएडा शहर से करीब 40 किमी और दादरी के कंटेनर डिपो से भी करीब 40 किमी की दूरी पर स्थित है.
इस एयरपोर्ट के पहले चरण के विकास पर हर साल एक करोड़ 20 यात्री यात्रा कर सकेंगे. इसके अगले 3 साल में बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है. यह हवाई अड्डा युमना एक्सप्रेस वे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे के करीब है. यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से भी जुड़ेगा. इसके साथ ही यह मालगाड़ियों के लिए बनाए जा रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और मेट्रो रेल से भी जुड़ेगा.
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