उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. राजनीतिक दल अपनी गोटियां बिठाने में लगे हैं. कई दलों ने अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं और कई करने वाले हैं. कांग्रेस ने रामपुर जिले की चमरौआ सीट से युसूफ अली युसूफ को अपना प्रत्याशी घोषित किया था. लेकिन उन्होंने कांग्रेस का टिकट ठुकराकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था. उन्हें उम्मीद थी कि समाजवादी पार्टी उन्हें चमरौआ से टिकट देगी. लेकिन जब समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित किए तो उसमें युसूफ अली युसूफ का नाम नहीं था. इसके बाद एक बार फिर वो समाजवादी पार्टी की सदस्यता त्याग कर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
समाजवादी पार्टी पर क्या आरोप लगाए
रामपुर की चमरौआ विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी युसूफ अली युसूफ ने प्रेस वार्ता कर समाजवादी पार्टी पर हमला बोला. उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी में जो धोखेबाजी चल रही है आने वाले समय में जनता उसका जवाब देगी. उन्होंने कहा, ''मेरे साथ भी सोची समझी साजिश के तहत षड्यंत्र रच कर मुझे विश्वास दिलाया गया कि आपको चमरौआ विधानसभा से टिकट दिया जाएगा, लेकिन मुझे टिकट नहीं मिला. यह मेरा कैरियर तबाह करने की कोशिश थी.''
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बहकावे में आकर छोड़ी कांग्रेस?
युसूफ अली युसूफ ने माना कि वह समाजवादी पार्टी के बहकावे में आकर कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे उन्होंने मौजूदा सपा विधायक नसीर अहमद खां की निंदा करते हुए कहां उन्होंने कभी क्षेत्र के लिए काम नहीं किया और न ही विधानसभा में आवाज नहीं उठाई. उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को जनता इसका जवाब देगी. कांग्रेस नेता ने कहा कि मेरी फाइट किसी से नहीं है बीजेपी लड़ाई में नहीं है, मेरी विधानसभा में जनता नसीर अहमद खान को जनता 50 हजार वोटों से हराएगी.
कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी धर्मों के लोगों का समर्थन हमारे साथ है. राजनीतिक दलों में हो रहे फेरबदल पर उन्होंने कहा जिन लोगों का कोई अस्तित्व नहीं है वह ऐसा कर रहे हैं उनका कोई जनाधार नहीं है और आने वाले चुनाव के परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी का उत्तर प्रदेश से सूपड़ा साफ हो जाएगा.