UP Election 2022: मायावती ने कहा, मेरे ही काम को अपना बता रही हैं बीजेपी और सपा, अपना काम बताने को जारी किया फोल्डर
UP Election 2022: बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को एक फोल्डर जारी किया. इसमें मुख्यमंत्री के रूप में उनके चार कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों का व्योरा है. इसे सभी 403 सीटों तक पहुंचाया जाएगा.
बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने कहा है कि उन्होंने अपनी 4 सरकारों के कार्यकाल में जितने काम किए हैं, उतना काम उत्तर प्रदेश में किसी भी पार्टी की सरकार ने नहीं किया. उन्होंने कहा कि आज हालत यह है कि उन्ही के किए कामों के नाम बदल-बदल कर सपा (Samajwadi Party) और बीजेपी (BJP) अपना काम बता रही हैं. बसपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी ने चुनाव में घोषणा पत्र जारी किए बिना प्रदेश में 4 बार सरकार बनाई है. उन्होंने कहा कि बसपा (BSP) चुनाव घोषणा पत्र पर नहीं बल्कि सरकार बनने पर काम करके दिखाने पर यकीन करती है.
बसपा चुनाव के लिए घोषणा पत्र जारी नहीं करती
बसपा सुप्रीमो ने मंगलवार को लकनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. इसमें उन्होंने एक फोल्डर जारी किया. उन्होंने बताया कि इस फोल्डर में उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में प्रदेश में किए गए विकास कार्यों का ब्यौरा दिया गया है. इसके अलावा इसमें यह भी बताया गया है कि बसपा की सरकार बनने पर इसी तरह के विकास कार्य कराए जाएंगे.
मायावती ने बताया कि इस फोल्डर को बसपा के कार्यकर्ता प्रदेश की सभी 403 के जिले-जिले और गांव-गांव में लोगों तक पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा कि बसपा के कार्यकर्ता लोगों को यह बताएंगे कि मायावती की सरकार में प्रदेश में कौन-कौन से महत्वपूर्ण कार्य हुए थे.
सतीश चंद्र मिश्र उच्च वर्ग के लोगों को बसपा से जोड़ेंगे
उन्होंने बताया कि बसपा 21 अक्तूबर से ही प्रदेश के सभी 75 जिलों में काम में लग गई है. उन्होंने बताया कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के 4 मंडलों के कैडर का रिव्यू किया गया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी 86 सीटों के विधानसभा अध्यक्षों की एक बैठक मंगलवार को लखनऊ में बुलाई गई है. इसमें इन आरक्षित सीटों के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि उच्च वर्ग खासकर ब्राह्मण समाज को जोड़ने के लिए सतीशचंद्र मिश्र और उनकी टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है. कृषि कानूनों की वापसी की चर्चा करते हुए मायावती ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार को किसान संगठन के साथ बैठ कर किसानों की मांगों को एक-एक कर दूर करना चाहिए.
बसपा ने अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव अकेले ही लड़ने का फैसला किया है. उसने किसी भी पार्टी के साथ चुनाव पूर्व समझौता नहीं किया है.