UP Vidhan Sabha Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के तीसरे दिन पुरानी पेंशन योजना बहाली के मुद्दे को एक बार फिर से उठाया. जिस पर राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. इस पर विधानसभा सत्र के तीसरे दिन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने सदन से वॉकआउट कर दिया. समाजवादी पार्टी के नेताओं ने विधानसभा सत्र के तीसरे दिन नई पेंशन पॉलिसी लागू करने की बात उठाई थी. इस पर सरकार की तरफ से मंत्री सुरेश खन्ना ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने से मना कर दिया.
यूपी सरकार में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने पुरानी पेंशन को बहाल करने से इनकार कर दिया है और उन्होंने कहा कि नई पेंशन पॉलिसी से कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा. सुरेश खन्ना ने अपने जवाब में कहा कि योजना के तहत 85% धन सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया गया है तो वहीं 15 फ़ीसदी धन स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, यूनिट ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया और भारतीय जीवन बीमा निगम जैसे "फंड मैनेजर" के पास हैं. जिनकी साख के बारे में सभी को पता है.
नई पेंशन योजना ही रहेगी बहाल
सुरेश खन्ना ने अपने जवाब में कहा कि नई पेंशन योजना कर्मचारी संगठनों से बातचीत के बाद ही लागू की गई थी. उन्होंने बताया की नई योजना में औसतन 9.32 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है, जो की पुरानी पेंशन की स्कीम में तकरीबन 8 फीसदी था. पुरानी पेंशन बहाली का सवाल विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक अनिल प्रधान, पंकज मलिक समेत कुछ अन्य सदस्यों ने उठाया गया था. जिसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने उन्हें ये जवाब दिया.
पुरानी पेंशन योजना को मुद्दा बना रही सपा
आपको बता दें कि इस बार के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने पुरानी पेंशन बहाली का वादा किया था और ये बात अपने मेनिफेस्टो में भी रखी थी. समाजवादी पार्टी के इस बार के यूपी विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत में बढ़ोतरी का एक कारण भी पुरानी पेंशन बहाली को माना गया है. समाजवादी पार्टी 2005 के बाद से सरकारी सेवा में आए कर्मियों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए समय-समय पर पुरानी पेंशन बहाली की मांग करती रही है.
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