लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा परिसर में जल संरक्षण को लेकर एक अनोखी पहल की गई है। यहां के सचिवालय और विधानसभा परिसर में हर किसी को अब सिर्फ आधा गिलास पानी दिया जाएगा। आधा गिलास पानी पीने के बाद अगर और प्यास लगती है तो फिर से पानी मांगा जा सकता है। विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे की ओर से इसका आदेश जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने आदेश दिया है कि जल की बर्बादी रोकने के लिए परिसर में पहले केवल आधा गिलास पानी ही दिया जाएगा।
पूरे भरे गिलास का पानी इस्तेमाल नहीं होता
प्रमुख सचिव (विधानसभा) प्रदीप दुबे ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा कि अध्यक्ष के निर्देश पर विधानसभा परिसर में केवल आधा गिलास पानी ही उपलब्ध कराया जाएगा। दुबे ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि अधिकांशतया पूरे भरे गिलास का पानी इस्तेमाल नहीं होता है। अगर कोई और पानी चाहता है तो उसे और पानी दिया जा सकता है।
आधा गिलास जल ही दिया जाए
आदेश में लिखा है कि विधानसभा परिसर में प्रारम्भ में आधा गिलास जल दिया जाए। कई बार यह देखा गया है कि पूरे भरे हुए गिलास को लोग एक-दो घूंट पीकर या आधा गिलास पानी पीकर हो छोड़ देते हैं। ऐसे में बाकी पानी बर्बाद हो जाता है। लोगों को आवश्यकता होने पर फिर से पानी दिया जा सकता है। प्रदीप ने आदेश में कहा है कि विधानसभा परिसर और सचिवालय के सभी अनुभागों में प्रारंभ में आधा गिलास जल ही दिया जाए। विधानसभा के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह इस व्यवस्था का तत्काल प्रभाव से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
पीएम मोदी ने की थी अपील
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में लोगों से जल संरक्षण की अपील की थी। पीएम की अपील को यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने गंभीरता से लिया और उन्होंने विधानसभा परिसर में आधा गिलास पानी देने वाला नियम बनाया है।