UP Assembly Session 2024: उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को संभल हिंसा का मुद्दा समाजवादी पार्टी के ओर से उठाया गया. विधानसभा में संभल पर समाजवादी पार्टी के विधायक महबूब अली ने बोलना शुरू किया. विपक्ष के नेता ने सपा की तरफ से महबूब का नाम अध्यक्ष के सामने रखा है. विधायक ने कहा कि संभल में पुलिस ज्यादती हुई है.
सपा विधायक ने कहा कि संभल के अधिकारी नए-नए हैं. घटना को लखनऊ से कंट्रोल किया जा रहा था. संभल की जामा मस्जिद पर पता नहीं इतनी नजर क्यों है. बीजेपी राजनीतिक फायदा के लिए ये सब कर रही है. हम बटेंगे नहीं हम एक हैं. महबूब अली के बयान का बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने विरोध किया. उन्होंने कहा कि हम पर शक की नजर से क्यों देखा जा रहा है.
दरअसल, यूपी विधानमंडल के दोनों सदनों (विधान सभा और विधान परिषद) के सोमवार से शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने विधानसभा परिसर में जमकर नारेबाजी की. सत्र शुरू होने से पहले सपा विधायक और विधान पार्षदों ने संभल समेत कई मुद्दों पर नारे लिखी तख्तियां हाथ में लेकर चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के निकट सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.
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विधानसभा में सपा विधायकों ने उठाए ये मुद्दे
सपा नेताओं ने किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का वादा पूरा न होने, बेरोजगारी, पेपर लीक और पुलिस द्वारा किए जा रहे ‘‘अत्याचार’’ जैसे तमाम मुद्दे उठाये. सपा विधायकों ने संभल हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारेबाजी की.
सपा विधायक और विधान पार्षदों ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार इन मुद्दों की ओर ध्यान नहीं दे रही है और आम जनता के हितों की अनदेखी कर रही है. इससे पहले सपा के विधान पार्षद आशुतोष सिन्हा महंगाई के विरोध में साइकिल चलाते हुये सदन पहुंचे. हालांकि एक बार सपा विधायकों के हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही एक बार कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी.