UP Assembly Session 2024: उत्तर प्रदेश विधानसभा में चल रहे हैं मानसून सत्र में पत्रकारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आमतौर पर विधानसभा के सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश में विधान भवन में पत्रकार टंडन हॉल में बैठते थे. जहां के लिए एक पास भी निर्गत किया जाता था. लेकिन इस बार के सत्र में पत्रकारों को टंडन हाल में जाने की अनुमति नहीं दी गई है. अब पत्रकार सिर्फ मंडप में स्थित पत्रकार दीर्घा में बैठकर ऊपर से सदन की कार्रवाई देख सकते हैं.
लेकिन जहां टंडन हॉल में पत्रकार आमतौर पर बैठकर अपना कवरेज करते थे उसी जगह से पत्रकारों को हटा दिया गया है. अब पत्रकारों को विधान भवन में नीचे प्रेस रूम में जगह दी गई है और टंडन हाल को विधायकों के लिए आरक्षित कर दिया गया है. अब विधायक वहां आराम से बैठकर एक दूसरे से गुफ्तगू कर सकेंगे.
यूपी में अवैध धर्मांतरण पर योगी सरकार सख्त, उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान, विधेयक पारित
गर्मी से भी परेशान
पत्रकारों को टंडन हाल से हटाने के बाद अब उन्हें पुराना प्रेस रूम आवंटित किया गया है. इस प्रेस रूम में जगह इतनी छोटी है कि अब अधिकतर पत्रकार प्रेस रूम के सामने लॉबी में खड़े दिखाई दे रहे हैं. इस उमस भरी गर्मी में एसी और पंखे की सुविधा न होने से लॉबी में खड़े पत्रकार मंगलवार से यहां पसीना पोछते हुए दिखाई दे रहे हैं.
आमतौर पर पूरे विधान भवन में एसी चलती है पर अब प्रेस रूम के सामने जो लॉबी है, वहां एसी भी बंद कर दी गई है. आज जब पत्रकारों को प्रेस रूम में जगह नहीं मिली और बाहर लॉबी में खड़े-खड़े थक गए तो वो-वो नीचे जमीन पर बैठ गए, जिसकी फोटो वायरल होने के बाद आनन-फानन में लॉबी में कुर्सियां लगाई गई.
इस प्रकरण की फोटो जिनकी पोस्ट से वायरल हुई, वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेंद्र शुक्ला ने एबीपी लाइव से कहा कि लखनऊ के पत्रकारों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत है कि उनसे जुड़े मुद्दों को लेकर तंत्र के जिम्मेदार जिन कथित नेताओं से संपर्क करके कर्तव्यों की इतिश्री कर लेते हैं. उनका आम पत्रकारों से न तो कोई संपर्क है न ही संवाद. नतीजा है कि कई मौकों पर संवादहीनता की वजह से असहज व अप्रिय स्थितियां पनपती जा रही हैं. फिलहाल कहीं कोई सुनवाई नहीं है.