UP Assembly Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आज योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath) सदन में 43 साल पहले मुरादाबाद (Moradabad) में हुए दंगों की एसआईटी (SIT) की रिपोर्ट पेश करने जा रही है, जिसे लेकर प्रदेश की सियासत गर्माई हुई है. वहीं यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने मुरादाबाद दंगों के जांच रिपोर्ट पेश किए जाने पर प्रतिक्रिया दी है. डिप्टी सीएम ने कहा कि जब रिपोर्ट सामने आएगी तो जनता को पता चलेगा कि आखिर दंगे कौन करवाता है और ऐसे लोगों को कौन संरक्षण देते हैं. 


केशव प्रसाद मौर्य ने मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट सदन में रखे जाने पर कहा कि "आज जो रिपोर्ट पेश हो रही है उसे पेश होना ही चाहिए. इस रिपोर्ट को आज तक छिपाकर रखा गया था और अब हमारी सरकार इसे सबके सामने ला रही है. इस रिपोर्ट के आने  से मुरादाबाद दंगों का सच प्रदेश और देश की जनता को जानने का मौका मिलेगा, इसी को देखते हुए ये प्रक्रिया की जा रही है. उन्होंने कहा कि पिछले मुख्यमंत्रियों से ये पूछना होगा कि आखिर उन्होंने आज तक इसे पेश क्यों नहीं किया." 


मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट पर बोले केशव मौर्य


केशव मौर्य ने कहा कि "अगर वर्तमान सरकार में मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट पेश की जा रही है तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए और ये सच सामने आना चाहिए कि आखिर दंगे कौन करता हैं, दंगे करने वालों को संरक्षण कौन देता है और दंगाईयों के खिलाफ कार्रवाई कौन करता हैं." वहीं इस दौरान जब उनसे माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता को भगौड़ा घोषित किए जाने पर सवाल किया गया तो डिप्टी सीएम ने कहा कि ये कानूनी प्रक्रिया है. अगर कोई पुलिस की पकड़ में नहीं आता है तो उसे भगोड़ा घोषित किया जाएगा. 



साल 1980 में मुरादाबाद में हुए थे दंगे


आपको बता दें कि मुरादाबाद में अगस्त 1980 में ईदगाह में दंगे भड़के थे. मुस्लिम समुदाय ने स्थानीय दुकानों पर हमले कर दिए थे, जिसे बाद यहां भारी दंगा हो गया थे, जिसमें कई मुस्लिमों की जान भी चली गई थी. इस दौरान मुस्लिम और वाल्मीकि समुदाय के लोग आमने सामने आ गए थे. इन दंगों की जांच के लिए जस्टिस सक्सेना की कमेटी ने रिपोर्ट बनाई गई थी, जिसने 20 फरवरी 1983 को जांच रिपोर्ट सौंप दी थी. इन दंगों में करीब 83 लोगों की जान चली गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.


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