संभल में मंदिर खुलने के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में पूछा सवाल- आखिर 22 कुओं को किसने पाट दिया?
UP Assembly Winter Session: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कहा कि जो बराबरी नहीं कर सकते, वे बुराई करते हैं, विपक्ष की बुराई में सत्य और न्याय नहीं झलकता.
UP Politics: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षियों की खिंचाई करते हुए कहा कि हम सोच रहे थे कि मिनी स्टेशन पॉवर कॉरपोरेशन चला रहा है, लेकिन संभल में धार्मिक स्थल से बिजली के मिनी स्टेशन संचालित हो रहे हैं. वहां कई मस्जिद ऐसी पाई गईं, जहां अवैध सब स्टेशन बनाकर फ्री में कनेक्शन बांटे गए थे. प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन का लाइनलॉस 30 से कम है, लेकिन संभल के दीपासराय व मीरासराय मोहल्ले में लाइन लॉस 78 व 82 फीसदी है. यह देश के संसाधनों पर लूट है. प्रशासन कर्तव्य का निर्वहन कर रहा है तो उसे चोर कहेंगे और यदि प्रशासन चोरी पकड़ ले तो कहेंगे कि अत्याचार है.
जो बराबरी नहीं कर सकते, वे बुराई करते हैं- सीएम
सीएम ने कहा कि सच्चाई सबके सामने आती है तो बुरा लगता है. जो बराबरी नहीं कर सकते, वे बुराई करते हैं. आप (विपक्ष) भी यही बुराई कर रहे हैं. आपकी बुराई में सत्य, न्याय नहीं झलकता. यह पक्षपातपूर्ण है. इससे लोकतंत्र की व्यवस्था कमजोर होती है. किसी भी मुस्लिम, अन्य मत-मजहब के त्योहारों के दौरान समस्या नहीं होती तो हिंदू पर्व के दौरान यदि किसी ने समस्या खड़ी की तो सरकार सख्ती से निपटेगी.
UP Politics: डिंपल यादव को लेकर पूछे सवाल को अखिलेश यादव ने घुमाया, संभल से जोड़ा, दिया ये जवाब
'... आखिर 22 कुओं को किसने पाट दिया'
सीएम ने कहा कि माननीय न्यायालय के आदेश का पालन करना प्रशासन का दायित्व है. प्रशासन संभल में वही कर रहा है. सीएम ने कटाक्ष करते हुए सपा सदस्यों से कहा कि मंदिर को न छेड़कर आपने बड़ी कृपा कर दी, लेकिन 22 कुओं को किसने पाट दिया. आखिर मूर्तियां कैसे मिल रही हैं. नोटिस से परेशानी क्यों हो रही है.
'शफीकुर्रहमान बर्क खुद को भारत का नागरिक नहीं, बाबर का संतान कहते थे'
सीएम योगी ने कहा कि संभल में तुर्क व पठान का विवाद चल रहा है. शफीकुर्रहमान बर्क (सपा के पूर्व सांसद-अब स्मृतिशेष) खुद को भारत का नागरिक नहीं, बल्कि बाबर का संतान कहते थे. आपको तय करना है कि आक्रांताओं को अपना आदर्श मानते हैं या राम-कृष्ण, बुद्ध की परंपरा को. भारत में राम-कृष्ण व बुद्ध की परंपरा ही रहेगी, बाबर और औरंगजेब की परंपरा नहीं रहेगी.