Gonda News: यूपी एटीएस (UP ATS) ने शनिवार को सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देने के आरोप में दो संदिग्ध आतंकियों सद्दाम शेख और रिजवान खान को गिरफ्तार किया. इसके बाद कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं. इन आतंकियों से पूछताछ में ये बात सामने आई है कि विदेश से संचालित आतंकी संगठनों के निशाने पर हिन्दुस्तान में रहने वाला मुस्लिम समाज का मेहनती तबका है. ये संगठन ऐसे लोगों को आतंकी संगठनों के प्रति आकर्षित करके उन्हें 'जिहादी' बनाने की कोशिश करते हैं.


इन आतंकियों से पूछताछ में ये खुलासा हुआ है कि इनके निशाने पर ऐसे लोग होते हैं जिन्हें आसानी से गुमराह किया जा सकता है. इनमें खासतौर से वो मुस्लिम नौजवान शामिल हैं जो ड्राइवर, सिक्योरिटी गार्ड और छोटे-मोटे काम कर रहे हैं, खास तौर से मीट फैक्ट्रियों में काम करने वाले फोर्थ क्लास कर्मचारियों को भी ये अपना निशाना बनाते हैं. इन्हें अलकायदा, आईएसआईएस, लश्कर ए तैय्यबा, हिजबुल मुजाहिद्दिन जैसे आतंकी संगठनों के बारे में जानकारी दी जाती है और ये ख्वाब दिखाया जाता है कि भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जाएगा.


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल


मुस्लिम युवकों को प्रभावित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है. कट्टरपंथी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए आकर्षित करने की कोशिश की जाती है. यूपी एटीएस अब इन दोनों संदिग्ध आतंकियों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूरे नेटवर्क की जानकारी जुटाएगी. इसके साथ ही ये जानने की भी कोशिश की जाएगा कि इनके तार किन-किन से जुड़े हुए थे. इनके संपर्क में अब तक कितने लोग आए हैं.


मुजाहिद बनना चाहते थे दोनों आरोपी
आपको बता दें कि यूपी एटीएस ने शनिवार को दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से एक का नाम रिजवान खान है. जो कश्मीरी है और एक मीट के कारखाने में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था, जबकि दूसरे की गिरफ्तारी गोंडा से की गई है. आरोपी यहीं का रहने वाला है और बेंगलुरू की मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर ड्राइवर काम कर रहा था. इनके सोशल मीडिया अकाउंट खंगालने के बाद पता चला है कि ये दोनों आतंकी संगठनों के प्रति आकर्षित थे और दोनों मुजाहिद बनना चाहते थे.


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