UP ISI Spy Arrested: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के लिए भारतीय सेना की जासूसी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी को यूपी एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. इस शख्स की पहचान शैलेश कुमार उर्फ शैलैन्द्र सिंह चौहान पुत्र राजेन्द्र सिंह के रूप में हुई है.


गिरफ्तारी के बाद आरोपी से पूछताछ की गई जिसमें उसने बताया कि वो व्हाट्सएप, फेसबुक के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को सेना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कर चुका है. शैलेश ने लगभग 8 से 9 महीने भारतीय सेना में, अरुणाचल प्रदेश में अस्थाई श्रमिक/पोर्टर के रूप मे काम किया था. जिस कारण उसके पास भारतीय सेना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकरियां थीं. 


सोशल मीडिया पर खुद को बताया सेना का जवान


शैलेश वर्तमान में भारतीय सेना में किसी पद पर कार्यरत नहीं है. सोशल मीडिया प्रोफाइल में आरोपी ने खुद को भारतीय सेना में कार्यरत बताया है. शैलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शैलेश चौहान नाम से प्रोफाइल बनाई थी. जिसकी प्रोफाइल फोटो में उसने भारतीय सेना की यूनिफॉर्म में अपनी फोटो लगा रखी थी.


फेसबुक के जरिए आईएसआई हैंडलर से की बात


शैलेश फेसबुक के माध्यम से ही हरलीन कौर नाम की आईडी के संपर्क में आया था. जिससे उसकी बात होने लगी. शैलेश की एक अन्य आईएसआई हैंडलर प्रीति से भी व्हाट्सएप पर ऑडियो कॉल के माध्यम से बात होती थी. प्रीति को भी शैलेश ने अपना परिचय सेना के जवान के रूप में ही दिया था. 


सेना की गाड़ियों के मूवमेंट की फोटो भेजी


शैलेश और प्रीति के बीच शुरू में अंतरंग बातें हुईं. बाद में प्रीति ने शैलेश को बताया कि वह आईएसआई के लिए काम करती है और अगर शैलेश सहयोग करेगा तो इसके बदले शैलेश को अच्छी रकम दी जाएगी. पैसों के लालच में शैलेश ने प्रीति नाम की हैंडलर को सेना से जुड़े महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की लोकेशन और सेना की गाड़ियों के मूवमेंट के फोटो भेजे. जो फोटो शैलेश ने हरलीन कौर नाम की हैंडलर को भी भेजे थे. 


जानकारी देने के बदले मिले पैसे


इसके एवज में शैलेश के फोन-पे पर अप्रैल-2023 में दो हजार रुपये आए थे. इसके बाद प्रीति को कई बार सेना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां भेजी जिसके बदले इसे हर बार पैसे प्राप्त हुए. हरलीन कौर और प्रीति आईएसआई के हैंडलर हैं जो सीमा पार से फर्जी नाम का प्रयोग कर सेना से जुड़ी जानकरी प्राप्त करके आईएसआई को उपलब्ध कराती हैं. आईएसआई इन जानकारियों का प्रयोग भारत के खिलाफ, देश को अस्थिर करने के लिए करता है. 


ये भी पढ़ें- 


Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले को लेकर मुस्लिम पक्ष पहुंचा बनारस, स्थानीय नेताओं से की ये अपील