(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP ATS ने बांग्लादेशी नागरिकों को विदेश भेजने वाले दो लोगों को किया गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेज से बनाते थे पासपोर्ट
एडीजी ने बताया कि दोनों बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों को पश्चिम बंगाल के रास्ते से भारत लाते थे और उन्हें यूपी व अन्य राज्यों में अलग-अलग जगहों पर रखकर हिंदू नाम से फर्जी दस्तावेज बनवाते थे.
UP ATS News: यूपी एटीएस ने देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को विदेश भेजने वाले पश्चिम बंगाल के समीर मंडल और पंजाब के विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया है. दोनों फर्जी दस्तावेज से पासपोर्ट बनाकर बांग्लादेशियों को दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया समेत अन्य देशों में भेजते थे. समीर मंडल ने पूछताछ में अब तक 100 से ज्यादा लोगों को विदेश भेजने की बात कुबूल की है. एटीएस सिंडिकेट से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है.
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों को अवैध रूप से भारत लाकर उनके फर्जी दस्तावेज बनवाने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के चार सदस्यों को बीते दिनों एटीएस ने गिरफ्तार किया था. इसी क्रम में समीर मंडल और विक्रम सिंह की भी गिरफ्तारी की गई है. समीर मंडल को एटीएस ने पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है जबकि विक्रम सिंह को गाजियाबाद से पकड़ा गया है. समीर मंडल कुछ दिन पहले गिरफ्तार किए गए मिथुन मंडल के भाई रतन मंडल के साथ पश्चिम बंगाल में यूरोपियन टूर एंड ट्रैवल नाम से ट्रैवल एजेंसी चलाता था. उसके कई विदेशी लोगों से भी संबंध हैं जबकि विक्रम सिंह का काम फर्जी दस्तावेजों से पासपोर्ट तैयार होने के बाद बांग्लादेशियों का वीजा तैयार करवा कर उन्हें विदेश भेजना होता था. विक्रम करीब 5 साल से यह काम कर रहा है.
एडीजी ने बताया कि दोनों बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों को पश्चिम बंगाल के रास्ते से भारत लाते थे और उन्हें यूपी व अन्य राज्यों में अलग-अलग जगहों पर रखकर हिंदू नाम से फर्जी दस्तावेज बनवाते थे. फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी से उनके फर्जी पते पर पासपोर्ट बनाया जाता था. एटीएस ने पासपोर्ट में दिए गए आवासीय पतों का सत्यापन कराया तो सब फर्जी निकले. जिन लोगों को विदेश भेजना होता था, उनकी कोरोना जांच की आरटीपीसीआर रिपोर्ट और वैक्सीनेशन रिपोर्ट भी फर्जी बनवाई जाती थी. समीर और विक्रम के पास से फर्जी पते से बनाए गए 10 पासपोर्ट, अलग-अलग नाम के कई आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, निवास प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाण पत्र और 44,600 रुपये नकद समेत मोबाइल फोन व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद की गई हैं. इससे पूर्व एटीएस इस सिंडिकेट से जुड़े पश्चिम बंगाल के मिथुन मंडल, बांग्लादेश के शाओन अहमद, मोमिनुर इस्लाम और मेहंदी हसन को गिरफ्तार कर चुकी है. शाओन, मोमिनुर और मेहंदी हसन फर्जी नाम से देश में रह रहे थे.
साउथ अफ्रीका का सईद व्हाट्सएप पर भेजता था बॉर्डर पास कराने वालों की सूची
एडीजी ने बताया कि समीर मंडल को साउथ अफ्रीका का नागरिक सईद व्हाट्सएप पर बॉर्डर पार कराने वालों की सूची भेजता था. सईद मूल रूप से बांग्लादेश का निवासी है और कुछ साल पहले साउथ अफ्रीका चला गया. उसने वहां की नागरिकता हासिल कर ली है. उसका व्हाट्सएप मैसेज मिलते ही समीर बांग्लादेशी नागरिकों को बॉर्डर पार कराकर अपने भाई सुभाष मंडल के घर पर रखता था. वहीं रतन मंडल के जरिए बांग्लादेशी नागरिकों के फर्जी दस्तावेज तैयार कराए जाते थे. समीर मंडल का एक और बांग्लादेशी सहयोगी जहांगीर है, जो बांग्लादेश के नागरिकों को भारत में अवैध तरीके से लाने में मदद करता था.
लंदन के गुरप्रीत से सीखा फर्जी वीजा बनाने का धंधा
विक्रम सिंह ने पूछताछ में बताया कि फेसबुक के जरिए उसकी मुलाकात लंदन के गुरप्रीत सिंह से हुई थी. गुरप्रीत सिंह लंदन के पासपोर्ट कार्यालय में काम करता है और लोगों का फर्जी वीजा बनाकर विदेश भेजता है. विक्रम ने गुरप्रीत से ही वीजा बनाने का काम सीखा था. फेसबुक के जरिए ही करीब 7 महीने पहले विक्रम ने रतन मंडल से संपर्क किया था.
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