Auraiya Trauma Center News: उत्तर प्रदेश के औरैया (Auraiya) जिले में लगभग 5 साल पहले करोड़ों की लागत से तैयार किया गया ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी बर्न हॉस्पिटल, ब्लड बैंक आज तक चालू न होने की वजह से धूल फांक रहा है और जर्जर हो चुका है. इस वजह से अधिकतर मरीजों को कानपुर और सैफई रेफर किया जाता है और समय पर इलाज न मिलने से कई बार लोगों की जान चली जाती है, लेकिन इस बीच प्रशासन से लेकर शासन के लोग इसे शुरू न होने की अलग अलग कहानी बता रहे हैं. सीएमओ ने इसे शुरू कराने के लिए कई पत्र लिखा तो बीजेपी के जिलाध्यक्ष ने बताया कि डॉक्टर की कमी है, लेकिन नगर पंचायत चुनाव के बाद इसे शुरू करा दिया जाएगा. एक तरफ कोरोना के एक बार फिर से कदम बढ़ते दिख रहे है और जिलाध्यक्ष इसे चुनावी मुद्दा बनाए हुए हैं.
एक बार फिर कोरोना के बढ़ते कदम लोगों के लिए दहशत पैदा करता दिख रहा है. औरैया जिले की बात की जाए तो पिछली बार हुई कोरोना में मौतों से स्वास्थ्य विभाग ने सबक नहीं सीखा है. जहां एक तरफ स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए शासन लाख प्रयास करते हुए करोड़ो रुपए खर्च करता दिख रहा है तो वहीं जनपद में करोड़ो की लागत से बन कर तैयार किया गया ट्रामा सेंटर, बर्न हॉस्पिटल व ब्लड बैंक आज तक शुरू नहीं हो सका है. यह बिल्डिंग जर्जर होती जा रही है. इन सुविधाओं के न मिलने से मरीजों को रेफर किया जाता है, जिससे अक्सर मरीजों की जान चली जाती है. प्रशासन का कहना है कि कई बार इसको चालू करने के लिए दिल्ली तक पत्र लिखे जा चुके हैं लेकिन कोई जबाब नहीं आया.
रास्ते में ही चली जाती है जान
करोड़ों की लागत से 5 साल पहले तैयार की गई बिल्डिंग आज जर्जर हालत में खड़ी हुई है. ऑक्सीजन मांग रही है. प्रशासन से लेकर शासन के नेता अपनी बात तो कह रहे हैं, लेकिन यह कब शुरू होगा इस का पता नहीं, जबकि यहां की जनता ने कई बार प्रशासन से लेकर शासन तक को पत्र लिखा, लेकिन यह शुरू नही हो सकी. ट्रामा सेंटर और ब्लड बैंक शुरू होने से जनपद में स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी होंगी, क्योंकि अधिकतर मामले इन अस्पतालों में सुविधाएं न होने के चलते रैफर कर दिए जाते हैं, जिससे कई बार लोगों की जान रास्ते में ही चली जाती है.
जर्जर होती जा रही है बिल्डिंग
आम जनता का कहना है कि अगर यहां पर ट्रामा सेंटर और ब्लड बैंक शुरू हो जाएगा तो जनपद में विकास की भी संभावना है क्योंकि अच्छे डाक्टर होंगे तो दूसरे जिले से लोग इलाज के लिए आएंगे और रुकेंगे. इन बिल्डिग के बनने के बाद जब यह शुरू नहीं हुआ तो कई बार प्रशासन और शासन को पत्र लिखा, लेकिन यह आज तक चालू नहीं किया जा सका है. इस वजह से यहां के डॉक्टर अधिकतर कानपुर सैफई रेफर कर देते हैं, यहां तक कि ब्लड बैंक न होने से तत्काल कई लोगों की मौतें भी हो चुकी हैं. करोड़ों की लागत से इन बिल्डिंग को खड़ा तो कर दिया, लेकिन अब यह सफेद हाथी के रूप में खड़ी हुई है और जर्जर होती जा रही है.
बीजेपी जिलाध्यक्ष ने क्या कहा
बीजेपी के जिलाध्यक्ष श्री राम मिश्रा से जब इस बात को लेकर पूछा कि आप की सरकार को 6 साल का समय हो चुका है फिर भी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार क्यों नहीं हुआ तो इसपर उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज तैयार हो रहा है और डेढ़ साल बाद औरैया जिला स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तैयार हो जाएगा. अगर ट्रामा सेंटर और ब्लड बैंक की बात की जाए तो एक टेक्निशियन को बनने में एक साल लगते हैं. एक डॉक्टर बनने में 8 साल लगते हैं. इसको लेकर प्रदेश के मंत्री और मुख्यमंत्री अन्य प्रदेशों से मांग कर रहे हैं ताकि डॉक्टर और टेक्नीशियन मिलें और हम सुचारू रूप से इसे चालू करें. स्वास्थ्य मंत्री ने भी आश्वाशन दिया है कि नगर पंचायत के बाद ट्रामा सेंटर चालू हो जाएगा.
चिकित्सा अधिकारी ने क्या कहा
जिले की चिकित्सा अधिकारी अर्चना श्रीवास्तव ने इस पूरे मामले को लेकर बताया कि कई बार लखनऊ और दिल्ली में ट्रामा सेंटर और ब्लड बैंक को शुरू कराने के लिए पत्र लिखा गया. मशीनों को लेकर भी पत्र लिखा गया, लेकिन पत्र लिखने के बाद भी यहां सर्वे करने के लिए टीम नहीं आई. इस वजह से यह चालू नहीं हो पाया. हम एक बार फिर से पत्र लिखेंगे और जल्द से जल्द इसे चालू कराने का प्रयास करेंगे.
जिले में नहीं आना चाहते डॉक्टर
हालांकि औरैया जनपद में डॉक्टरों की भी कमी देखी जा सकती है, क्योंकि जनपद नया है और डॉक्टर इस जिले में आना नहीं चाहते. इस वजह से यहां के अधिकतर मरीजों को सैफई, कानपुर, आगरा और लखनऊ के लिए रेफर किया जाता है. सवाल यह भी है कि इस बिल्डिंग को बनकर तैयार हुए 5 से 6 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज तक कौन सी वजह से चालू नहीं हो सकी है. बीजेपी के जिला अध्यक्ष इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं और नगर पंचायत चुनाव के बाद शुरू कराने की बात कहते दिख रहे हैं, जबकि कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए पिछली बार औरैया जनपद में भी कई लोगों की मौतें हुई थी, तब ऑक्सीजन प्लांट को शुरू कराया गया था.