Ayodhya: अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला को अब सुबह सवेरे रबड़ी का भोग लगाया जाएगा. उसी प्रसाद को श्रद्धालुओं को दिया जाएगा. यही नहीं सर्दी का मौसम आ गया है, इसलिए उन्हें ठंड से बचाने के लिए रजाई और कंबल ओढ़ाया जाएगा. गर्मी प्रदान करने के लिए ब्लोअर भी लगाया जा रहा है. जिससे उन्हें गर्म हवा मिले और ठंड से राहत मिले.


की जाती है रामलला के बाल स्वरूप की पूजा 
आपको बता दें कि श्री राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है. इसलिए बालक की तरह ही उन्हें सर्दी और गर्मी से बचाने के लिए प्रबंध भी किए जाते हैं. मान्यता है कि प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति को भी उसी तरह का अनुभव होता जैसा मानवीय शरीर को होता है. क्योंकि राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला बालस्वरूप के हैं, इसलिए उनकी उसी तरह देखभाल की जाती है, जैसे किसी बालक की देखभाल की जाती है.


 रामलला को लगाया जाएगा रबड़ी का भोग
राम जन्मभूमि के  मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया भोग राग पहले से ही पूर्णतया व्यवस्थित है, लेकिन अब सुबह 6:30 दर्शन जो खुलेगा और दर्शनार्थी लोग आएंगे  उनके लिए भगवान राम लला का भोग लगा करके रबड़ी का प्रसाद दिया जाएगा. इतना ही नहीं ठंड से बचने के लिए रजाई है कंबल है और ब्लोवर मशीन की भी व्यवस्था की गई है. रामलला के यहां किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं है. रबड़ी का भोग लगेगा. खीर पूड़ी प्रतिदिन बनती ही है. जिससे की बालक रूप राम को कोई परेशानी न हो.


सत्येंद्र दास ने कहा कि भक्तों के इच्छा अनुसार और सभी चीजें व्यवस्थित की गई हैं. भक्त भी बहुत ही आनंदित हैं. कोई परेशानी नहीं है. भोग कभी नहीं लगता था अब रबड़ी का भी भोग लगने लगेगा. कल परसों से भोग  लगना शुरू हो जाएगा. गौरतलब है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण दिसंबर 2023 तक मुकम्मल हो जाने की बात कही है.


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