UP News: बलरामपुर में धर्म परिवर्तन के मामले में आया बड़ा फैसला, मौलाना को सुनाई 10 साल की सजा
Conversion: इस मामले की सुनवाई एक साल में ही पूरी कर ली गई, अपराध साबित होने के बाद मौलाना को 10 साल की सजा, 50 हजार का जुर्माना और 5 लाख रुपये क्षतिपूर्ति के रुप में पीड़िता को देने का आदेश है.
![UP News: बलरामपुर में धर्म परिवर्तन के मामले में आया बड़ा फैसला, मौलाना को सुनाई 10 साल की सजा UP Balrampur Religious conversion Case Maulana sentenced to 10 years ANN UP News: बलरामपुर में धर्म परिवर्तन के मामले में आया बड़ा फैसला, मौलाना को सुनाई 10 साल की सजा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/25/d5b73a0dc321911fbd941771703813d01674666101463650_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Balrampur Court: बलरामपुर में ज़बरन धर्म परिवर्तन करवाने के मामले अदालत का फैसला आ गया है. एक साल पहले महिला को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवाया गया था. मामले में कोर्ट ने मौलाना जमीर को 10 साल की कड़ी सजा सुनायी है. उस पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. इतना ही नहीं पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में भी पांच लाख रुपये देने होंगे. मामले में पीड़ित को एक साल के अंदर ही कोर्ट ने न्याय दिला दिया है. घटना जिले के जरवा थाना क्षेत्र के हलौरा ग्राम सभा की थी.
महिला के पति ने दर्ज करायी थी एफआईआर
मामले के सरकारी वकील ने कुलदीप सिंह ने बताया कि 12 जून 2022 को हरौला गांव के छोटे लाल के बेटे विष्णु ने एफआईआर दर्ज करायी थी. इसमें उसने ये बताया कि उसकी पत्नी और चार नाबालिग बच्चे जिसमें दो बेटी और दो बेटियां हैं को मौलाना ने बहला-फुसलाकर मुसलमान बना दिया है. उनका धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया था. मामले में जरवा कोतवाली ने मौलाना जमीर के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था.
दो नाबालिगों का करवा दिया था खतना भी
मामले का ट्रायल जिला एवं सत्र न्यायालय, बलरामपुर ने किया. इस दौरान पांच गवाहों की पेशी हुई. इस दौरान यह साबित हुआ कि मौलाना ने दो नाबालिग बच्चों का खतना भी करवा दिया था. इसके बाद उनका नाम भी मदरसे में लिखवा दिया था. चारों बच्चों के नाम भी बदल दिये गये थे.
एक साल में ही पूरी हुई मामले की सुनवाई
मामले में बिना पिता के आदेश के नाबालिग बच्चों और शादीशुदा महिला को मौलाना ने मुसलमान बनाया. यह संविधान के विरुद्ध है. यह धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम 2021 में आने वाली धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. मामले की सुनवाई एक साल में ही पूरी कर ली गयी. अपराध साबित होने के बाद मौलाना को 10 साल की सजा, 50 हजार का जुर्माना और 5 लाख रुपए क्षतिपूर्ति के रुप में पीड़िता को देने का आदेश पारित हुआ है.
यह भी पढ़ें:
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)