कानपुर: पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए वकीलों की वेशभूषा पहनकर कोर्ट में सरेंडर करने वाले अपराधी अब अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएंगे. बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने ऐसे अपराधियों और उनको संरक्षण देने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है.
कानूनी दांव-पेंच का फायदा
जब किसी भी बड़े अपराध में पुलिस को अपराधियों की तलाश होती है तो अपराधियों का सबसे बड़ा मकसद होता है कि किसी भी तरह पुलिस के हत्थे न चढ़ें और कोर्ट में सरेंडर कर दें. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ये होता है कि अपराधियों को लगता है कि एक बार सरेंडर करने के बाद जेल चले जाएंगे तो कानूनी दांव-पेंच का फायदा मिल जाएगा. ऐसे में पुलिस की कोशिश होती है कि अपराधियों को सरेंडर करने से पहले गिरफ्तार कर लिया जाए.
अधिवक्ता के खिलाफ भी की जाएगी कार्रवाई
पुलिस की नजर कोर्ट में भी रहती है, इसलिए के कई बार अपराधी वकीलों की वेशभूषा पहनकर कोर्ट में सरेंडर करते हैं जिससे कि पुलिस पहचान न सके. ऐसे कई मामले कानपुर के विकास दुबे कांड से जुड़े हुए भी आए. इसका संज्ञान लेते हुए बार कौंसिल ऑफ यूपी ने आदेश जारी किया है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही अगर कोई अधिवक्ता इसमें संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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