UP News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में फरियादियों को इंसाफ दिलाने के लिए यहां के पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स्य एक अनोखी पहल चला रहे हैं. जिस पहल से पुलिस विभाग पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. एसपी सप्ताह में एक बार पुलिस अधीक्षक कार्यालय में 'सच का सामना' कार्यक्रम के जरिए थानों में दर्ज मुकदमें से सम्बंधित वादी प्रतिवादी और उस घटना की तफदीश कर रहे पुलिस अधिकारी को सच का सामना कार्यक्रम में सच का सामना करना पड़ता है. जिसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जाता है.
एसपी ने की है यह अनोखी पहल
बाराबंकी जिले में पुलिस के प्रति बिश्वास बढ़े इसको लेकर एसपी अनुराग वत्स्य एक अनोखी पहल चला रहे हैं. इस अनोखी पहल से पीड़ितों को इंसाफ मिलने की उम्मीद जग जाती है. पीड़ित फरियादियों को न्याय दिलाने के लिए एसपी द्वारा चलाई जा रही इस अनोखी पहल में एसपी खुद पूरी घटना का रिव्यू करते हैं और अपने सामने पीड़ित को निडर होकर घटना की सच-सच जानकारी जुर्म करने वाले और उसकी तफदीश में जुटे उस पुलिस अधिकारी के सामने ही कबूल करवाते हैं. जिसकी जिम्मेदारी होती है कि फरियादी को इंसाफ दिला अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाएं.
एसपी देते हैं फरियादियों को मौका
पुलिस विभाग पर लोगों का भरोसा बढ़े इसके लिए एसपी ऐसे उन सभी फरियादियों की लिखित शिकायत पर सख्त कदम उठा रहे हैं. साथ ही उन लोगों को भी मौका देते हैं जिन्हें फर्जी मुकदमे में फसाया जाता है. यूपी पुलिस की बदनाम होती छवि को सुधारने के लिए पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स्य का ये कार्यक्रम हर सप्ताह की गुरुवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में किया जा रहा है. जिसका नाम हैं सच का सामना, इस कार्यक्रम में वादी प्रतिवादी और विवेचना अधिकारी को हर सवाल का जवाब सबके सामने देना पड़ता है. साथ ही घटना से जुड़े साक्ष्य में पेश करना होता है.
50 से अधिक मामलों का किया जा चुका है निस्तारण
एबीपी गंगा से बातचीत के दौरान एसपी ने जानकारी दी है कि अब तक 50 से ज्यादा ऐसे मामलों का निस्तारण करवाया गया है जिसमें पुलिस जांच अधिकारी और वादी प्रतिवादी के साथ पीड़ित को अपने अपने साक्ष्य पेश करने पड़ते हैं. एसपी ने कहा तमाम ऐसे मामले उनके सामने आते है जिस मामले में आरोप लगते है कि किसी को बेवजह पुलिस मुकदमे में फंसा रही है तो इसकी लिखित शिकायत दे सच का सामना कार्यक्रम में दूध का दूध पानी का पानी का सामने आ जाता है. बाराबंकी पुलिस अधीक्षक द्वारा चलाए जा रहे इस अनोखी पहल से जांच करने वाले पुलिस अधिकारी को एसपी के सामने सच का सामना के इस कार्यक्रम में झूठ बोलते ही जुबान लड़खड़ाते लगती है. फिलहाल इस अनोखी पहल से बाराबंकी में फरियादियों को इंसाफ की उम्मीद मिलती जरूर दिखाई देते हैं और फर्जी मुकदमे से भी लोग बच जाते हैं
क्या कहा पुलिस अधीक्षक ने?
बाराबंकी पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स्य ने कहा कि बहुत सी सिंपल सी प्रक्रिया है ऐसे सभी मामले जिसमें विवेचना को लेकर वादी या प्रतिवादी किसी को भी विवेचना की प्रक्रिया या पारदर्शिता पर कोई शंका है तो वो अपनी एप्लिकेशन हमारे आफिस में देते हैं. उन एप्लिकेशन की हम रिव्यू करते हैं. उस रिव्यू में हम वादी प्रतिवादी और विवेचक को सामने रखकर एक साथ समीक्षा करते हैं.
इससे विवेचना के बहुत सारे पहलू स्पष्ट हो जाते हैं यदि वादी को लगता हैं कि उसकी विवेचना में एविडेंस लिए जाने वाले थे वो लिए नहीं गए तो उसके बारे में बात हो जाती है. वही प्रतिवादी को लगता है उसे गलत फसाया गया है या उसके पास डिफेंस का कोई एविडेन्स है तो उसके बारे में बात हो जाती है और विवेचक को भी उसके बारे में स्पष्ट निर्देश मिल जाते हैं. कोई कन्फ्यूजन नहीं रहता है और बहुत हद तक किसी प्रकार की जो विवेचना में शिकायत होती है वो दूर हो जाती है. वादी प्रतिवादी को भी पता चल जाता है विवेचना में आगे समय मे क्या होना है. बहुत हद तक किसी प्रकार की विवेचना में शिकायते होती हैं उसका डिस्पोज हो जाता है. इससे पुलिस में लोगो का विश्वास बढ़ता है और विवेचना का डिस्पोजल हो जाता है. अब तक 50 से ज्यादा केसों का डिस्पोज कर चुके है.
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