UP News: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित सरकारी स्कूलों में टीचर्स के पदों पर पिछले छह सालों से भर्ती नहीं हुई है. यह हाल तब है, जब सूबे के परिषदीय स्कूलों में टीचर्स के तकरीबन सवा लाख पद खाली हैं. पिछले छह सालों से टीचर्स भर्ती का विज्ञापन नहीं निकलने से ट्रेनिंग करने वाले करीब दस लाख अभ्यर्थी परेशान हैं. दर-दर भटकने के बावजूद कहीं से कोई आश्वासन नहीं मिलने से निराश अभ्यर्थी अब सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर हैं. हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने आज प्रयागराज में शिक्षा सेवा चयन आयोग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन के दौरान जमकर नारेबाजी भी की. हजारों की संख्या में जुटे अभ्यर्थी प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए हुए थे.
प्रयागराज में शिक्षा सेवा चयन आयोग के दफ्तर पर प्रदर्शन के दौरान यूपी के तमाम जिलों के डीएलएड अभ्यर्थी मौजूद थे. इन अभ्यर्थियों ने हुंकार भरते हुए जमकर नारेबाजी की और अपना आक्रोश जताया. नाराज अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं होगा तब तक वह अपना आंदोलन बरकरार रखेंगे. प्रयागराज में हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थी भी शामिल थी. इस मौके पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. अभ्यर्थियों ने आज टीचर्स-डे के दिन को चुनकर सरकार से इंसाफ मांगा.
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में डीएलएड की डिग्री अनिवार्य है. यूपी में इन दिनों डीएलएड डिग्री धारकों की संख्या तकरीबन दस लाख है. इन डिग्री धारकों ने टीचर्स बनने के लिए ही ट्रेनिंग की है. इन डिग्री धारकों को उम्मीद थी कि टीचर्स भर्ती का विज्ञापन निकलने के बाद इन्हें किस्मत आजमाने का मौका मिलेगा, लेकिन पिछले छह सालों से इनका इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. आयोग की पहली अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडेय ने भी आज ही कार्यभार ग्रहण किया है. प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने उनसे मुलाकात करने की कोशिश भी की, लेकिन कामयाब नहीं हुए.
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