UP Latest News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साफ तौर पर सख्त निर्देश है कि कोई भी अफसर अगर भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने उत्तर प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति भी अपना रखी है लेकिन उनके नीचे बैठे अफसर सरकार की योजनाओं में भ्रष्टाचार कर रहे हैं. यह आरोप योगी सरकार के एक विधायक ने लगाया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि बस्ती जनपद के 2 जिला स्तरीय भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
बस्ती जनपद के हरैया विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक अजय सिंह ने जिला पंचायती राज अधिकारी शिव शंकर सिंह और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सीके वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की है और दोनों ही अफसरों की संपत्ति की जांच करने की बात कही है.
विधायक का कहना है कि जिला पंचायती राज अधिकारी शिव शंकर सिंह सफाई कर्मियों के ट्रांसफर, पोस्टिंग से लेकर विभाग में संचालित हो रही योजनाओं में भ्रष्टाचार कर रहे हैं, डीपीआरओ पर यह भी आरोप है कि उन्होंने भ्रष्टाचार के पैसे से अकूत संपत्ति अर्जित कर ली है जिसकी जांच होनी चाहिए. नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ में अवैध संपत्ति का जिक्र करते हुए विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है और मांग की है कि बस्ती के इस भ्रष्ट अधिकारी के संपत्ति की जांच हो और तत्काल उन्हें सस्पेंड भी किया जाए.
विधायक के आरोपों पर अपनी सफाई देते हुए जिला पंचायती राज अधिकारी शिव शंकर सिंह ने कहा कि उन्हें नहीं पता है कि विधायक उन पर ऐसा आरोप क्यों लगा रहे हैं लेकिन जो भी वह आरोप लगा रहे हैं उसकी जांच शासन स्तर से कराई जाए उन्होंने कहा कि मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है.
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में जिला पंचायती राज अधिकारी शिव शंकर सिंह बस्ती में ही तैनात थे और श्मशान घाट घोटाले के मामले में शासन ने उन्हें निलंबित कर उनका डिमोशन भी कर दिया था, और फिर 5 साल बाद जिला पंचायती राज अधिकारी के पद पर शिव शंकर सिंह फिर से काबिज हो गए.
बीजेपी विधायक अजय सिंह ने अब जिले के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सीके वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की है. एडिशनल सीएमओ पर आरोप है कि उन्होंने बिना टेंडर निकाले हैं करोड़ों का भुगतान करवा लिया है. पिछले 10 साल से अधिक का वक्त बीत चुका है और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सीके वर्मा बस्ती जिले में ही तैनात हैं और एक ही डिपार्टमेंट एनआरएचएम के प्रभारी हैं. विधायक ने इन्हें भी सस्पेंड करने और भ्रष्टाचार से अर्जित किए थे अकूत संपत्ति की जांच की मांग की है.
वर्ष 2018 में तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ राजशेखर ने एक शिकायत पर जांच की थी जिसमें डॉ वीके वर्मा दोषी भी पाये गए थे बावजूद इसके अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. फिलहाल एक बात तो साफ है कि बीजेपी के विधायक अजय सिंह अपनी ही सरकार के भ्रष्ट अफसरों को अगर बेनकाब कर रहे हैं तो यह सरकार के लिए एक अच्छी बात है.
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