(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Basti News: मौत को दावत दे रहा है बस्ती का यह पुल, ग्रामीणों को हर दिन सताता है डर
Basti Death Bridge: राहगीरों का कहना है कि यह पुल टूटने के कगार पर है. जैसे ही बरसात का सीजन शुरू होगा, वैसे पानी पड़ेगा और पुल टूटने की आशंका बन सकती है. कभी भी कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है.
Basti Dilapidated Bridge : गुजरात के मोरबी में जब पुल हादसा हुआ था तो उसने पूरे देश को झकझोर के रख दिया था. क्योंकि, पुल के जिम्मेदारों ने कभी पुल की देखरेख में दिलचस्पी नहीं ली थी. इस कारण कई लोगों की मोरबी पुल हादसे में मौत हो गई थी. लेकिन, देश में इतना बड़ा पुल हादसा होने के बाद भी आज तक जिम्मेदारों ने उससे कोई सबक नहीं सीखी. ऐसे ही एक पुल से आज हम आपको रूबरू कराएंगे, जिसे मौत का पुल कहा जाए तो कम नहीं है. पुल की दशा ऐसी है कि आप देखने के बाद सिहर जाएंगे. लेकिन पुल के जिम्मेदारों ने तो उधर देखना तक मुनासिब नहीं समझा. अब आलम यह है कि पुल कब भरभरा कर गिर जाए और ग्रामीणों की मौत हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता.
मौत के कुएं से कम नहीं
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक ऐसा पुल है, जिस पर चलना मौत के कुएं से कम नहीं है. इसे मौत का पुल भी कहा जा सकता है. बस्ती जनपद के बहादुरपुर ब्लॉक के धौरहरा-बैजीपुरवा मार्ग पर बना यह पुल मौत को दावत दे रहा है. पुल का आलम यह है कि यह कभी भी भरभरा कर गिर सकता है.
दर्जनों गांवों के लोगों का होता है आवागमन
इस पुल का एक पिलर 60 डिग्री तक झुक चुका है. हैरानी की बात यह है कि मौत को दावत देते इस पुल से दर्जनों गांवों के लोगों का आना जाना रहता है. गांव वालों के पास इसके अलावा नदी पार करने का कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है. ग्रामीण हथेली पर जान लेकर हर रोज इस पुल को पार करते हैं.
ग्रामीणों ने गुणवत्ता पर उठाई थी आवाज
आप को बता दें कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इस सड़क का निर्माण 2016-2017 में कराया गया था. जब पुल का निर्माण हो रहा था तो ग्रामीणों ने इसकी गुणवत्ता को लेकर आवाज उठाई थी. लेकिन, उस समय पीडब्ल्यूडी के जिम्मेदारों के कान में जूं तक न रेंगी. यह पुल चार साल भी नहीं चल सका. सरकारी धन का किस तरह से बंदरबांट हुआ, इसका नजारा अब दिखने लगा है.
50 लाख में बना था पुल
जानकारी हो कि यह पुल 50 लाख के बजट से बनाया गया था. कुआनो में आई बाढ़ के बाद पुल का लिंक रोड धंस गया है. आवागमन प्रभावित होने से ग्रामीणों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि एक साल पहले ही इस पुल के निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को अवगत कराया गया था, लेकिन अब तक इसका निर्माण नहीं हो सका है.
जल्द शुरू होगा निर्माण
पीडब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता केशव लाल ने कहा कि इस पुल की जानकारी है. यह पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. इसे बनाने के लिए शासन में प्रस्ताव भेजा गया था, जिसकी स्वीकृति हो गई है. इसके निर्माण के लिए टेंडरिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.
क्या कहते हैं राहगीर
राहगीरों का कहना है कि यह पुल टूटने के कगार पर है. जैसे ही बरसात का सीजन शुरू होगा, वैसे पानी पड़ेगा और पुल टूटने की आशंका बन सकती है.कभी भी कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है. पुल से आने-जाने में लोगों को दिक्कत होती है. इस पुल के अलावा और कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है.
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