Bhadohi News: यूपी के भदोही जिले से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. जहां राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती चारु चौधरी ने जनपद में ताबड़तोड़ औचक निरीक्षण कर सरकारी महकमे की नींद उड़ा दी है. जिला अस्पताल और भदोही महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय में भी खामियां ही मिली है या यूं कहे कि सरकारी अस्पताल ही मरीज बना हुआ है. महिला आयोग की उपाध्यक्ष को चारों तरफ दुर्व्यवस्थाएं मिलने पर वहां मौजूद चंद डाक्टरों को कड़ी फटकार लगाते हुए कार्रवाई की बात कही है. हालांकि भारत सरकार और प्रदेश सरकार से तमाम सुविधाएं दिए जाने के बावजूद सरकारी अस्पतालों में लापरवाही बदस्तूर जारी है.
पूरी कहानी भदोही जनपद के ज्ञानपुर स्थित महाराजा चेत सिंह राजकीय जिला चिकित्सालय और भदोही शहर के महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय (MBS) की है. यहां न बिस्तर है न दवा है और न डॉक्टर है और तो और यहां एक्सरे और अल्ट्रासाउंड मशीन भी महीनों से खराब पड़ी हुई है. तय कार्यक्रम के अनुसार जिला अस्पताल में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी ने ग्राउंड जीरो पर पहुंच निरीक्षण किया है. जिसमें जिला अस्पताल में साफ सफाई नहीं थी, गंदगियों का अंबार लगा हुआ था और कई डॉक्टर मौके से नदारद गायब थे लेकिन रजिस्टर पर हाजिरी लगी हुई थी. वार्ड में रखे बेड पर बिछे बिस्तर काफी गन्दे थे चारों तरफ लचर व्यवस्था दिखाई दे रही थी. अस्पताल आई गर्भवती महिलाओं का बुरा हाल था. महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी ने बताया कि पहले की अपेक्षा अब सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है. लापरवाही खामियां बाबत मौके पर मौजूद डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाते हुए विभागीय कार्रवाई की बात कही है.
भविष्य में दोबारा लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी-चारु चौधरी
वहीं जिला अस्पताल में फैली दुर्व्यवस्था से रूबरू होने के बाद राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी भदोही शहर स्थित महाराजा बलवंत सिंह राजकीय चिकित्सालय (MBS) में बिना प्रोटोकॉल के औचक निरीक्षण में पहुंच गई और यहां भी उपरोक्त दुर्व्यवस्थाओं की बद से बदतर स्थिति थी. निरीक्षण के दौरान यहां भी महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने गर्भवती महिलाओं से बातचीत कर मिलने वाली सुविधाओं और समस्याओं को जाना है. निरीक्षण में यहां भी डॉक्टरों ने रजिस्टर पर हाज़िरी लगा अस्पताल से गायब मिले. महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारु चौधरी ने कहा कि, भारत और राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है. बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में नियुक्त डॉक्टर मंशा के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे हैं, जिसका खामियाजा गरीब जनता को उठाना पड़ता है. चारु चौधरी ने बताया कि गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना ही शासन की प्राथमिकता है. सभी सीएमएस को इस बाबत सख़्ती से जिम्मेदारी निभाने की सख़्त हिदायत दी गई है और स्पष्ट कहा गया है कि भविष्य में दोबारा लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
गरीब लोगों के लिए बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं
हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गरीब बेसहारा पीड़ित शोषित वंचित जनता जनार्दन के लिए बड़े बड़े काम करने के दावे किए जा रहे हैं, बावजूद इसके सरकारी मशीनरी सुधरने का नाम नहीं ले रही है. वहीं निरीक्षण के दौरान खामियां मिलने पर वहां मौजूद कुछ समाजसेवियों ने घोर लापरवाही के बाबत मलहम लगाने की कोशिश की जिस पर महिला आयोग की उपाध्यक्ष ने उनको भी चुप रहने की नसीहत दे डाली. ऐसे में सवाल उठाना लाज़िमी है कि सरकारी अस्पतालों में फैली लचर व्यवस्था पर कब और कैसे अंकुश लगेगा? क्या लापरवाही करने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई होगी? ये तो आने वाला समय ही बताएगा!
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