UP News: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी (BJP) संगठन को धार देने में जुटी है. जिले में संगठन को मजबूत करने के लिए निष्क्रिय अध्यक्षों को पद से हटाया जाने वाला है. जिलाध्यक्षों की कमान जनता और कार्यकर्ताओं के बीच पैठ रखनेवाले नेताओं को दी जाएगी. सूत्रों का कहना है कि 45 से ज्यादा जिलों में अध्यक्षों को बदलने की मंजूरी मिल गई है. जिला प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपने के लिए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chaudhary) और संगठन महामंत्री धर्मपाल की राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के साथ बैठक हुई.


बैठक में बीेजपी जिलाध्यक्षों के नामों पर मंथन


इस बैठक में करीब 45 से ज्यादा जिलाध्यक्षों को बदलने पर मुहर लगी है. बीजेपी ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए पर्यवेक्षक तैनात किए थे. पर्यवेक्षकों ने जिलों में पहुंचकर स्थानीय पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की राय जानी थी. जिलों की कमान संभालने वाले चेहरों का क्षेत्र में प्रभाव देखा गया. जनता के बीच नामों की स्वीकार्यता को भी ध्यान में रखा गया. जिलों से फीडबैक मिलने के बाद 15 जुलाई तक तीन से चार नाम का पैनल प्रदेश मुख्यालय को भेज दिया गया.


एक सप्ताह में बदलाव का दिखेगा असर


पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट आज बीएल सन्तोष के सामने पेश की गई. बैठक में नामों पर काफी विचार विमर्श और मंथन हुआ. आखिरकार उन्होंने 50 जिलों में बीजेपी अध्यक्षों को बदलने पर सहमति दे दी. माना जा रहा है कि एक हफ्ते के अंदर बदलाव का असर देखने को मिलेगा. सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के 50 जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाएगी. बीजेपी ने आगामी लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश से 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. एक तरफ एनडीए गठबंधन में ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को शामिल करने के साथ संगठन को भी मजबूत करने की बीजेपी रणनीति बना रही है. 


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