UP News: भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को नसीहत देते हुए कहा वह बड़े नेता हैं, राजनीति में भाषा की मर्यादा बनाए रखनी चाहिए. वहीं उन्होंने इंडिया गठबंधन को ठगबंधन बताया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी संविधान और आरक्षण की विरोधी और बाबा साहब के प्रतीक चिन्हों को मिटाने का काम हमेशा समाजवादी पार्टी की सरकार ने किया है.
हरदोई दौरे पर पहुंचे यूपी बीजेपी चीफ भूपेंद्र चौधरी उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी के पति उपेंद्र तिवारी की पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में शिरकत करने पहुंचे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से जब अखिलेश यादव के कांग्रेस नेताओ के चिरकुट कहने पर सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर प्रतिक्रिया दी.
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से सवाल किया कि पिछले कुछ महीनो से इंडिया एलायंस की गठबंधन की बड़ी चर्चा है. दिल्ली में बैठक हो रही हैं, मुंबई में बैठक हो रही हैं. अखिलेश यादव का मध्य प्रदेश में कुछ क्लेश हुआ उसके बाद से बयान आने लगे. अखिलेश कांग्रेस के नेताओं को चिरकुट नेता बोलने लगे, कांग्रेस के नेता अखिलेश-वखिलेश बोलने लगे.
इस सवाल के जबाब में भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र में राजनीति में भाषा की मर्यादा बनी रहनी चाहिए. अखिलेश बड़े नेता हैं. उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं, वर्तमान में विपक्ष के नेता हैं. मेरा निजी मत यह है की भाषा की मर्यादा बनी रहनी चाहिए लेकिन जो इन लोगों का इतिहास है कल्चर है गठबंधन चुनाव से जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बात कहते हैं. लोग प्रश्न न पूछे उनकी उपस्थिति के बारे में, उनकी गतिविधि के बारे में देश समाज के लोग चर्चा ना करें. इसलिए गठबंधन की बात करते हैं, गठबंधन नहीं यह जनता से ध्यान भटकाने के लिए ठग बंधन है और यह कुछ भी कर ले देश और प्रदेश की जनता सब जानती है.
यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से जब अखिलेश यादव के संविधान खतरे में होने के बयान पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हमारी साढ़े नौ साल से केंद्र में सरकार है और संविधान और आरक्षण के विरोधी और बाबा साहब के प्रतीक चिन्हों को मिटाने का काम हमेशा समाजवादी पार्टी की सरकारों ने किया है. हमारी पार्टी बाबा साहब के विचारधारा को लेकर आगे बढ़ रही है, हमारी प्राथमिकता में समाज के कमजोर लोग और गरीब लोग हैं. हमारी सरकार गरीबों को समर्पित होकर काम कर रही है और हम लोग संकल्पित हैं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को अंत्योदय के तहत उसे समाज की मुख्य धारा में लाना है. जहां तक संविधान वाला विषय है संविधान के लिए हम लोग संकल्पित हैं लेकिन इनका अपना निजी अजेंडा है यह लोग परिवारवादी है, जातिवादी हैं और उनकी प्राथमिकता में परिवार है, हमारी प्राथमिकता में गरीब है समाज के संपूर्ण लोग हैं.