UP News: यूपी विधानसभा में नजूल संपत्ति विधेयक फंसता हुआ दिखाई दे रहा है. योगी सरकार ने इस विधेयक को  31 जुलाई को विधानसभा में पास कर दिया था. अब विधान परिषद में खुद बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने एक प्रस्ताव पेश किया और इस विधायक को प्रवर समिति को सौंपने के लिए कहा है. इसके बाद सभी की सहमति से इसे प्रवर समिति को सौंप दिया गया.


अब खुद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने विधान परिषद में खड़े होकर इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने को कहा है. इससे पहले विधानसभा में बीजेपी के कई विधायकों ने असहमति जताई थी. अब यानी खुद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार के विधेयक को वापिस समिति में भिजवा दिया. वहीं बीजेपी विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी इसमें संशोधन की मांग रखी थी. 


हालांकि इससे पहले प्रयागराज से बीजेपी विधायक बाजपेयी ने बुधवार को सबको चौंकाते हुए अपनी सरकार के उस विधेयक के खिलाफ बात की, जिसमें नजूल भूमि को निजी फ्रीहोल्ड में बदलने से रोका गया है. बीजेपी विधायक की आपत्तियों ने सत्ता पक्ष को असहज स्थिति में डाल दिया, जब मंत्री सुरेश खन्ना ने बाजपेयी के बोलने के दौरान हस्तक्षेप किया. इस दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बीजेपी विधायक बाजपेयी से कहा, "आप समझ नहीं रहे हैं, पहले पढ़ तो लो."


जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने विधेयक पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह विधेयक छोटा हो सकता है लेकिन इसके दुष्परिणाम बहुत गंभीर होंगे. बता दें कि बुधवार(31 जुलाई) को यूपी विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बीच ‘उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक’ 2024 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया था. विपक्ष ने इस विधेयक को जनहित के खिलाफ करार देते हुए इसे प्रवर समिति के पास भेजने का आग्रह किया.


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