UP Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के लिए 1 जून को होने वाले अंतिम चरण के मतदान के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत लगा ही दी है. इसके साथ ही बीजेपी सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर भी बखूबी काम कर रही है जिन लोकसभा क्षेत्र में जिन जातियों के समीकरणों के लोग हैं, उस अनुरूप वहां नेताओं को जिम्मेदारी दी जा रही है. यादव बाहुल्य क्षेत्र में बीजेपी ने मोहन यादव को उतार दिया है, तो वहीं ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र में बीजेपी राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा का इस्तेमाल कर रही है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में मुद्दों के साथ ही जातीय समीकरणों के आधार पर भी चुनावी माहौल बनता बिगड़ता रहता है. इसी आधार पर बीजेपी ने भी अपनी रणनीति तय की है और इसी आधार पर अलग-अलग नेताओं की जिम्मेदारी तय की जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के साथ ही प्रदेश के मंत्रियों की जिम्मेदारियां लोकसभा से लेकर बूथ स्तर तक लगाई जा रही है.
सातवें चरण के लिए बीजेपी का प्लान तैयार
बीजेपी की तरफ से दलित बाहुल्य क्षेत्र में दलित नेता और पिछड़ा बाहुल्य क्षेत्र में पिछड़े समाज के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. यादव पट्टी वाले क्षेत्रों में मोहन यादव के एक-एक दिन में 7 से 8 कार्यक्रम कराए जा रहे हैं तो वहीं ब्राह्मण मतदाताओं के बीच में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के आधे दर्जन के करीब में कार्यक्रम हो रहे हैं. इसके साथ ही स्थानीय ब्राह्मण और यादव चेहरों को भी जिम्मेदारी दी गई है.
इस नेता को सौंपी गई अल्पसंख्यक क्षेत्र की जिम्मेदारी
पार्टी ने इस बार मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले बूथों पर भी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों को उतार दिया है. उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी को भी विशेष जिम्मेदारी दी गई है.मंत्री दानिश अंसारी को अल्पसंख्यक क्षेत्र की जिम्मेदारियां दी गई हैं. उन्हें बनारस, घोसी, गाजीपुर, बलिया सरीखे सीटों पर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में उनको विशेष जिम्मेदारियां दी गई हैं.
अंतिम चरण में महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज में चुनाव हैं.
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