एमएलसी चुनाव जीत कर भी वाराणसी में हार से दुखी है बीजेपी
वाराणसी की सीट समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से छीन ली. अखिलेश यादव की पार्टी के लाल बिहारी यादव जीते.
लखनऊ: यूपी में बीजेपी का विजय अभियान जारी है. शिक्षक कोटे से एमएलसी के चुनाव में पार्टी ने पहली बार उम्मीदवार उतारे. छह में से तीन सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की. सबसे बड़ा उलट फेर मेरठ सहारनपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में हुआ. 48 सालों से चुनाव जीत रहे ओम प्रकाश शर्मा हार गए. बीजेपी के श्रीचंद्र शर्मा ने उन्हें हराया. बरेली मुरादाबाद की सीट भी बीजेपी ने समाजवादी पार्टी से छीन ली. हरी सिंह ढ़िल्लों ने संजय मिश्र को हरा दिया. लेकिन बीजेपी को सबसे तगड़ा झटका अपने ही गढ़ में लगा है. वो भी पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में. यहां विधान परिषद की दोनों सीटें पार्टी हार गई. समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों ने शुरू से ही वाराणसी में बढ़त बनाए रखी.
यूपी में विधान परिषद की 11 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आ गए हैं. शिक्षक कोटे से 6 और स्नातक कोटे से 5 सीटों पर चुनाव हुए. स्नातक सीटों पर बीजेपी पहले से चुनाव लड़ती रही है. लेकिन शिक्षक कोटे के लिए पहली बार पार्टी ने उम्मीदवार उतारे. शिक्षक संघों से टकराव से बचने के लिए बीजेपी चुनाव नहीं लड़ती थी. लेकिन इस बार दो दो हाथ करने का फ़ैसला हुआ. पार्टी ने गोरखपुर छोड़ कर सभी सीटों पर उम्मीदवार दिए. बीजेपी तीन सीटें जीतने में कामयाब रही. वाराणसी और आगरा में उसे हार मिली.
वाराणसी की सीट समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से छीन ली
वाराणसी की सीट समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से छीन ली. अखिलेश यादव की पार्टी के लाल बिहारी यादव जीते. समाजवादी पार्टी ने वाराणसी में स्नातक कोटे का एमएलसी चुनाव भी जीत लिया. वाराणसी की हार ने बीजेपी के लिए जीत का स्वाद फीका कर दिया है. लोकसभा से लेकर विधानसभा और मेयर तक का चुनाव बीजेपी मोदी के वाराणसी में जीतती रही है.
विधान परिषद के चुनाव के लिए बीजेपी ने डेढ़ साल पहले से तैयारी शुरू कर दी थी. जिन्हें उम्मीदवार बनाया गया, उन्हें पहले ही प्रचार में लगा दिया गया था. पार्टी के नेताओं ने वोटर बनाने से लेकर बूथ कार्यकर्ता तक बनाए. मंडल से लेकर पोलिंग बूथ तक कार्यकर्ता और मतदाता सम्मेलन आयोजित किया गया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और संगठन मंत्री सुनील बंसल ने जगह-जगह जाकर दौरा किया. योगी सरकार के कई मंत्रियों की भी प्रचार में ड्यूटी लगाई गई.
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