ग्रेटर नोएडा: यूपी के ग्रेटर नोएडा में बीजेपी सरकार के 4 साल पूरा होने पर दादरी के बिसाहड़ा गांव में बीजेपी की जनसभा होनी थी. इस जनसभा में भारतीय जनता पार्टी के नेता योगी सरकार के 4 साल में किए गए कामों की उपलब्धियों को गिनाते. वहीं इस जनसभा में भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय विधायक, नेता और पश्चिम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मोहित बेनीवाल भी इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान स्थानीय लोगों ने बीजेपी नेताओं का जमकर विरोध किया. गामीणों ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कृषि कानून और ब्लॉक को खत्म कर देने को लेकर यह विरोध किया गया था. लोगों के विरोध करने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.


वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल


योगी सरकार के 4 साल पूरे होने पर गौतमबुद्ध नगर में बीजेपी नेताओं की 3 जनसभाएं प्रस्तावित थी. सभा को संबोधित करने के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ग्रेटर नोएडा बिसाहड़ा गांव जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे थे. उनके साथ साथ स्थानीय विधायक और नेता भी थे. वहीं गांव के स्थानीय लोगों ने बीजेपी नेताओं का जमकर विरोध किया. बीजेपी सरकार के 4 साल पूरा होने पर बीजेपी नेता सरकार की उपलब्धियों को गिनाने के लिए जनसभा करने पहुंचे थे. विरोध कर रहे लोगों को किसी तरह से समझाया गया. उसके बाद ही जनसभा आयोजित हो सकी. लोग कृषि कानून का ही विरोध कर रहे थे. तो वहीं शासन ने दनकौर ब्लॉक को खत्म कर दिया है और इनके गांव को बिसरख ब्लॉक में शामिल कर दिया है. जिसका वह विरोध कर रहे थे. यह वही गांव हैं जो 2015 में अखलाक हत्याकांड के बाद यह सुर्खियों में आया था. ग्रामीणों का आरोप है कि बीजेपी सरकार ने कृषि कानून लाकर किसानों पर थोप दिया है. जिसको लेकर किसान कई महीनों से दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानून के विरोध में धरने पर बैठे हुए हैं. लेकिन सरकार अभी तक नहीं जागी है. वहीं किसानों का आरोप है कि शासन ने दनकौर ब्लॉक को जनपद से खत्म कर दिया है. उस ब्लॉक के गांवों को दूसरे ब्लॉकों में शिफ्ट कर दिया है. बिसहाड़ा गांव को बिसरख ब्लॉक में शामिल कर दिया है. जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं.


2015 अखलाक हत्याकांड में सुर्खियों में आया था गांव


ग्रेटर नोएडा का यह बिसाहड़ा गांव 2015 में अखलाक हत्याकांड के बाद कई महीनों तक सुर्खियों में बना रहा था. यहां पर देश के दिग्गज नेता अखलाक की हत्या के बाद यहां इस गांव में परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुंचे थे. इस गांव को प्रशासन ने कई महीने तक छावनी में तब्दील करके रखा था. बताया जाता है कि अखलाक की हत्या एक भीड़ ने आकर की थी. जिसके बाद राजनीति में अखलाक हत्याकांड को लेकर भूचाल आ गया था.


ये भी पढ़ें-



मुजफ्फरनगर: दो मासूमों के साथ कुकर्म के बाद एक की हत्या, आरोपी गिरफ्तार


मऊ: एनकाउंटर में पुलिस की गोली से घायल हुआ हिस्ट्रीशीटर, मौके पर फोर्स तैनात