UP Politics: भारतीय जनता पार्टी ने यूपी में संगठन की दृष्टि से बनाये गये 1918 मण्डलों और 98 जिलों में चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिये प्रदेश में मंडल और जिलों का चुनाव करवाने के लिये 36 पर्यवेक्षक बनाये गये हैं. संगठन चुनाव में गुटबाजी रोकने पर जोर है इसलिये चुनाव कराने की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं पर डाली गई है, इस काम में पार्टी के सभी प्रदेश महामंत्रियों, वरिष्ठ मंत्रियों सुरेश खन्ना सूर्य प्रताप शाही, स्वतन्त्र देव सिंह, रमा पति राम त्रिपाठी, जेपीएस राठौर और पंकज सिंह जैसे लोगों को लगाया गया है.
संगठन ने बाकायदा जिला अध्यक्ष मंडल अध्यक्ष और बूथ अध्यक्षों के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई हैं. जिला अध्यक्ष के पद पर आवेदन के लिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने योग्यताएं भी तय कर दी हैं कि जिलाध्यक्ष के लिए क्या योग्यताएं होनी चाहिए, कौन लोग जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे, किन लोगों को जिलाध्यक्ष बनने का मौका मिलेगा ये भी तय कर दिया है. अब इसके लिए किसी तरह की सिफारिश नहीं चलेगी.
बीजेपी ने जारी की गाइडलाइंस
बीजेपी के 55 से ज्यादा नए जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे, जो व्यक्ति दो बार ज़िलाध्यक्ष बन चुका है उसे फिर से मौका नहीं मिलेगा. ये जरूरी नहीं कि एक साल पहले बनाए गए जिलाध्यक्ष को रिपीट ही किया जाए. उन्हें दोबारा मौका मिलेगा या नहीं ये उनकी परफॉर्मेस के आधार पर ही तय किया जाएगा. बीजेपी ने जिलाध्यक्षों के निर्वाचन प्रक्रिया की गाइडलाइन बना दी हैं.
जिलाध्यक्षों को लेकर बनाई गाइडलाइंस के मुताबिक उम्मीदवार की उम्र 45 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए. जिलाध्यक्ष पद के 6 वर्षों से पार्टी के सक्रिय सदस्य होने चाहिए. जिलाध्यक्ष पद पर रिपीट भी किए जा सकेंगे. सांसद और विधायक के परिवार से ज़िलाध्यक्ष नहीं बनाए जाएंगे. जिलाध्यक्ष के निर्वाचक मंडल में एससी एसटी महिलाओं की मौजूदगी जरूरी होगी.
जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में दलित और ओबीसी की भी होगी भागीदारी. मंडल अध्यक्ष की आयु 35 से 45 वर्ष तक तय की गई है. ओबीसी और एससी को इस बार जिलाध्यक्ष ज्यादा बनाए जाएंगे.
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