UP Politics: BJP सांसद रीता बहुगुणा जोशी को बड़ी राहत, योगी सरकार जल्द लेगी धोखाधड़ी का केस वापस
Prayagraj: सांसद रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ प्रयागराज के सिविल लाइंस थाने में धोखाधड़ी और सरकारी कागजों में हेरफेर करने के लगे आरोप को सरकार वापस लेगी. शासन ने इसके लिए अभियोजन से जानकारी मांगी है.
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में बीजेपी (BJP) सांसद रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) के खिलाफ 2008 में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यह मामला उस समय का है जब रीता बहुगुणा जोशी प्रयागराज की महापौर थीं. दरअसल, इस मामले को वापस लेने के संबंध में प्रदेश सरकार ने पिछले महीने प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र लिखा था. इसमें पॉइंट 10 और 13 को फिर से स्पष्ट करते हुए नए संशोधित 16 पॉइंटों पर रिपोर्ट के साथ वाद की स्थिति से शासन को अवगत कराने को कहा था.
प्रयागराज के जिला शासकीय वकील गुलाब चंद अग्रहरि ने बताया कि सरकार द्वारा 16 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी गई है. साथ ही रिपोर्ट दिए जाने के बाद शासन के आदेश पर कोर्ट में मामले को वापस लिए जाने का प्रार्थना पत्र दिया जाएगा. हालांकि, यह कोर्ट पर निर्भर है कि वह मामले को वापस लेने की अनुमति देती है या नहीं. गौरतलब है कि एक व्यक्ति की शिकायत पर प्रयागराज के सिविल लाइंस पुलिस थाना में वर्ष 2008 में रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.
क्या था पूरा मामला
पूर्व सांसद के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में तत्कालीन तहसीलदार विजय शंकर मिश्र ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने महापौर पद पर रहने के दौरान अधिकारों का दुरुपयोग किया. नगर निगम की भूमि को अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फतेहपुर बिछुआ स्थित प्लॉट संख्या 408 की भूमि को खुर्द-बुर्द कर दिया. दरअसल, रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं. वह 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष थीं. वह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी हैं.