लखनऊ: बीजेपी के बारे में ये कहा जाता है कि पार्टी हमेशा चुनावी चुनाव मोड में रहती है, खुद पार्टी के नेता भी इस बात को मानते हैं. उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव भले ही साल 2022 में होने हैं लेकिन बीजेपी ने इसकी तैयारी बीते साल से ही शुरू कर दी थी. पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी बूथ लेवल तक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी कर चुके हैं और इन दिनों बीजेपी में क्षेत्रीय कार्यसमितियां घोषित की जा रही हैं. वहीं, विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने संगठनात्मक ढांचे को और बेहतर करने की तैयारी भी शुरू कर दी है. इसके लिए सबसे पहले उन क्षेत्रों में संगठन मंत्रियों की तैनाती की योजना बनाई जा रही है जो पिछले काफी समय से खाली चल रहे हैं.


संगठन के लिहाज से प्रदेश को 6 क्षेत्रों में बांटा
भारतीय जनता पार्टी ने संगठन के लिहाज से प्रदेश को 6 क्षेत्रों में बांटा है इनमें अवध, कानपुर, काशी, गोरखपुर, ब्रज और पश्चिम क्षेत्र शामिल हैं. बीते कुछ समय से पश्चिम क्षेत्र में कोई भी संगठन मंत्री तैनात नहीं है. इसके अलावा कानपुर क्षेत्र का भी प्रभार ब्रज क्षेत्र के संगठन मंत्री भवानी सिंह को कार्यवाहक के तौर पर मिला हुआ है जबकि गोरखपुर क्षेत्र का काम वाराणसी क्षेत्र के संगठन मंत्री रत्नाकर कार्यवाहक के तौर पर देख रहे हैं. ऐसे में अब जल्दी पश्चिम क्षेत्र कानपुर क्षेत्र और गोरखपुर क्षेत्र में संगठन मंत्रियों की तैनाती हो सकती है.


कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है बीजेपी
सूत्रों के मुताबिक कुछ समय पहले जब ये तय किया गया कि पूर्णकालिक प्रचारक और बैचलर ही क्षेत्रों में संगठन मंत्री के तौर पर तैनात होंगे तब कानपुर के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव और अवध क्षेत्र के संगठन मंत्री बृज बहादुर को वहां से बीजेपी में भेज दिया गया. उसके बाद से ही वहां किसी की तैनाती नहीं की गई और कार्यवाहक संगठन मंत्री वहां काम देख रहे है. लेकिन, अब चुनाव में तकरीबन एक साल का वक्त बचा है और ऐसे में बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसीलिए पार्टी की तरफ से संघ से इन क्षेत्रों में पूर्णकालिक क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों की तैनाती की अपनी मांग रखी थी. संगठन मंत्रियों की नियुक्ति पार्टी और संघ की आपसी सहमति से होती है.

संघ से किसी प्रचारक को बीजेपी में भेजा जाता है
बीजेपी के ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर में ये व्यवस्था है कि हर क्षेत्र में एक क्षेत्रीय संगठन मंत्री को नियुक्त किया जाता है. इसके लिए संघ से किसी प्रचारक को बीजेपी में भेजा जाता है और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि संघ की प्रयागराज में हो रही बैठक में भी दो या तीन प्रचारक बीजेपी में काम करने के लिए मुक्त कर दिए जाएंगे. इससे पहले संघ ने पश्चिम क्षेत्र की बैठक में एक प्रचारक कर्मवीर सिंह को बीजेपी में काम करने के लिए मुक्त कर दिया है. जल्द ही आपसी सहमति से कर्मवीर सिंह की जिम्मेदारी भी तय कर दी जाएगी.



ये भी पढ़ें:



यूपी: शादी में 100 लोगों को शामिल होने की इजाजत, नियम उल्लंघन पर दर्ज होगा मुकदमा


कांग्रेस नेता हरीश रावत का बड़ा ऐलान, कहा- 2024 में राहुल गांधी को PM बनाने के बाद छोड़ दूंगा राजनीति