UP News: बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद वापस लखनऊ लौटे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि इस दौरान गठन के काम और भविष्य की नीतियों और गतिविधियों के संचालन के लिए मार्गदर्शन दिया गया. उन्होंने बताया कि केंद्रीय कार्यकारिणी में दिए गए आदेशों को नीचे तक पहुंचाने के लिए 22 जनवरी को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जाएगी. इसके बाद 5 फरवरी तक जिलों की और 12 फरवरी तक मंडलों की बैठकें आयोजित की जाएंगी. उन्होंने कहा कि हमारे पास जो संगठनात्मक विषय है. उनके आधार पर अपनी बात जनता के बीच ले जाएंगे. प्रधानमंत्री का जो संकल्प है कि समाज के सभी तबकों को बीजेपी के साथ जोड़ना है. इसे आगे बढ़ाया जाएगा. 


2019 की खामियों को करेंगे दूर
चौधरी ने कहा कि इसके साथ ही समाज के सभी तबकों में पार्टी की गतिविधि बढ़ा दी है. उसे लेकर आगे बढ़ेंगे. पार्टी की जो होमवर्क है उसके आधार पर पार्टी की गतिविधि को नियमित रूप से आगे बढ़ाना है. इसके साथ ही संगठनात्मक और विचारधारा से जुड़े जो विषय के साथ ही सेवा और सरकार की रचनात्मक को जनता के बीच लेकर जाना है. इसी को लेकर प्रदेश कार्यसमिति, जिले और मंडलों की बैठक के माध्यम से विषय नीचे तक सर्कुलेट किए जाएंगे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में जो सीटें नहीं जीते या जो अन्य सीटें हैं, उसके लिए पार्टी के अलग-अलग कार्यक्रम तय हुए है.


चुनाव से पहले संगठन को री-स्ट्रक्चर करेगी बीजेपी


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने बूथ सशक्तिकरण अभियान के तहत नीचे तक जाकर ये जानने की कोशिश की, क्या परिस्थिति रही, जो परिणाम हमारे अनुकूल नहीं आए. उन्होंने बताया कि इस दौरान जो बात सामने आई, वो यह है कि हम अपनी बात जनता को ठीक से समझा नहीं पाए. हमारी सरकार की जो नीति और काम है, जो गरीब कल्याण की योजनाएं हैं, उसे लेकर जनता के बीच में जाएंगे. बीजेपी संगठन में बदलाव पर भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल जून तक बढ़ाया गया है. कार्य समिति के माध्यम से प्रदेश में आंशिक परिवर्तन की बात है, जिस पर हम लोग होमवर्क कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव से पहले हम अपने संगठन को री-स्ट्रक्चर कर लेंगे. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गाजीपुर दौरे को लेकर कहा कि लोकसभा प्रवास योजना के तहत भारत सरकार के माननीय मंत्रियों के प्रवास तय किए गए हैं. 


ये भी पढ़ेंः UP Politics: आखिर राहुल गांधी भाई वरुण गांधी को कांग्रेस में क्यों नहीं करा पा रहे शामिल, क्या है मजबूरी?