India Independence Day 2023: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने रविवार को कहा कि भारत के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता, क्योंकि इससे हिंदुस्तान के भूगोल, समाज और संस्कृति का भी बंटवारा हो गया था. चौधरी ने भारत विभाजन की बरसी की पूर्व संध्या पर रविवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 14 अगस्त भारतीय इतिहास का काला दिवस है. उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता, भारत के इतिहास में यह एक ऐसा दिन है, जब देश के भूगोल, समाज और संस्कृति सभी का बंटवारा हो गया. उन्होंने कहा कि नफरत और हिंसा ने लाखों लोगों को अपने घर से विस्थापित किया और लाखों लोग मारे गए.


प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने देश के विभाजन के लिए मुस्लिम लीग और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि 30 दिसम्बर 1906 को गठित हुए इस 'घोर साम्प्रदायिक संगठन' ने अपने जन्म से ही पृथकतावादी नीति को अपनाया तथा भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं का विरोध किया. उन्होंने दावा किया कांग्रेस द्वारा मुस्लिम लीग की शर्तों को स्वीकार करने से भारत विभाजन की सम्भावनाएं भी बढ़ रही थी. लाहौर में वर्ष 1940 में मुस्लिम लीग का सम्मेलन हुआ जिसमें उसने दो राष्ट्र के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया. मुस्लिम लीग ने साफ तौर पर यह घोषणा कर दी कि वह अलग देश चाहते हैं.


प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने दावा किया, 'मुस्लिम लीग द्वारा डायरेक्ट एक्शन डे के तहत देश में दंगे और उन्माद फैलाया गया. हत्या, लूट, आगजनी व दुराचार का दौर शुरू हो गया. अंग्रेजों की 'फूट डालो और राज करो' की नीति कारगर साबित हुई और भारत का विभाजन हो गया.' उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर 14 अगस्त को प्रदेश के सभी संगठनात्मक 98 जिलों में देश की विभाजन में विस्थापित तथा शहीद हुए देशवासियों की स्मृति में मौन जुलूस निकालेगी. साथ ही संगोष्ठियां आयोजित कर देश के विभाजन में हुई क्रूरता, अमानवीयता, नृशंस्ता और देश के विभाजन के कारणों पर चर्चा करेगी.


चौधरी ने कहा, 'पंडित जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस द्वारा विभाजन स्वीकार करना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. कम्युनिस्ट पार्टी ने मुस्लिम लीग की विभाजन की मांग का समर्थन तो किया ही, इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने अनेक मुस्लिम सदस्यों को निर्देश दिया कि वे द्वि-राष्ट्र सिद्धांत को ‘बौद्धिक बल‘ प्रदान करने के लिए मुस्लिम लीग में शामिल हों.'


उन्होंने आरोप लगाया, 'पंडित नेहरू ने प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने के लिए न केवल देश के टुकड़े करवाए बल्कि लाखों लोगों के खून से भारत भूमि को नहला दिया. घृणा का जो बीज उस समय बोया गया उसे पूरी तरह नष्ट करने के लिए आने वाली कई पीढ़ियों को मिलकर प्रयास करना होगा. चौधरी ने कहा कि यह बात समझने में हर कोई नाकाम रहा कि यदि पंडित नेहरू राष्ट्रवादी थे, उनका विश्वास धर्मनिरपेक्षता में था, तो वह अचानक धर्म के नाम पर होने वाले विभाजन को स्वीकार करने के लिए सहमत कैसे हो गए .


प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने इंडिया विन्स फ्रीडम में लिखा, “जवाहरलाल नेहरू मेरे सबसे प्यारे दोस्तों में से एक थे, फिर भी मुझे खेद के साथ कहना पड़ता है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ था कि उन्होंने राष्ट्रीय उद्देश्य और सरोकारों को बहुत नुकसान पहुंचाया था.”


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