यूपी में अध्यक्ष के लिए BJP का नया प्रयोग? रेस में ये बड़े नाम, लिस्ट में कई पूर्व सांसद
UP BJP News: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी बड़ा दांव चल सकती है.सपा और कांग्रेस के सियासी आरोपों का जवाब देने के लिए बीजेपी, यूपी इकाई के अध्यक्ष पद के लिए अहम फैसला ले सकती है.
UP Politics: भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के संगठन में साल 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले बड़े बदलाव होने हैं. इसमें एक बदलाव तो तय और स्पष्ट है कि आने वाले कुछ महीनों में राज्य इकाई को नया अध्यक्ष मिलेगा. बीजेपी की यूपी इकाई की कमान फिलहाल भूपेंद्र सिंह चौधरी के पास है. भूपेंद्र सिंह चौधरी, उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य हैं.
अब साल 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी, यूपी में कुछ अलग प्रयोग करने की कोशिश में है. पार्टी की पहली कोशिश होगी कि वह समाजवादी पार्टी और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों की काट निकाल सके. लोकसभा चुनाव 2024 में सपा और कांग्रेस ने बीजेपी पर संविधान और दलित विरोधी होने के आरोप लगाया. न सिर्फ आरोप लगाया बल्कि इन आरोपों को जमीन तक पहुंचाया और बीजेपी को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. अब बीजेपी, सपा और कांग्रेस को अपने अंदाज में जवाब देना चाहती है.
इन पर दांव लगाएगी पार्टी?
दावा है कि पार्टी यूपी इकाई अध्यक्ष किसी दलित चेहरे को बना सकती है. इस रेस में कुछ ऐसे नाम हैं जो पूर्व में सांसद भी रह चुके हैं. सूत्रों की मानें तो यूपी बीजेपी अध्यक्ष के लिए विनोद सोनकर, रामशंकर कठेरिया और बाबूराम निषाद, बीएल वर्मा, विद्यासागर सोनकर का नाम रेस में है.
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विनोद सोनकर की बात करें तो वह राज्य स्थित कौशांबी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं. वह लगातार 10 साल तक सांसद रहे. हालांकि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें समाजवादी पार्टी के पुष्पेंद्र सरोज ने मात दी थी.
इसके अलावा राम शंकर कठेरिया ने संसद में इटावा लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. वह साल 2019 से साल 2024 तक सांसद रहे. राम शंकर कठेरिया, आगरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं.
इसके अलावा बाबू राम निषाद की बात करें तो वह साल 2022 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा गए हैं. बाबू राम निषाद की गिनती बुंदेलखंड क्षेत्र के प्रभावशाली नेताओं में होती है. बाबू राम निषाद, योगी सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भी रह चुके हैं.
यूपी बीजेपी चीफ पश्चिम से ही क्यों?
बनवारी लाल वर्मा (बीएल वर्मा) फिलहाल केंद्र सरकार में मंत्री हैं. बदायूं निवासी बीएल वर्मा पहली बार साल 2020 में बतौर राज्यसभा सांसद, संसद पहुंचे थे. विद्यासागर सोनकर की बात करें तो वह फिलहाल उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं. वह जौनपुर से सांसद भी रह चुके हैं.
सूत्रों की मानें तो बीजेपी इस बार भी पश्चिमी यूपी से ही किसी नेता को अध्यक्ष चुन सकती है. इसके पीछे की बड़ी वजह है क्षेत्रीय संतुलन को साधना. पूर्वांचल से खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आते हैं. ऐसे में बीजेपी संगठन में पश्चिम को प्राथमिकता दे सकती है. हालांकि यूपी बीजेपी का नया चेहरा कौन होगा, इस पर आखिरी मुहर बीजेपी हाईकमान ही लगाएगा.