(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP MLC Elections: यूपी बीजेपी कोटे से ये 6 नेता बने एमएलसी, नृपेंद्र मिश्रा के बेटे समेत इन्हें मिली जगह
UP Politics: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद में मनोनीत कोटे के तीन पद 29 अप्रैल 2022 और तीन पद 27 मई 2022 से खाली हैं. अब इन सीटों पर एमएलसी के नाम की घोषणा हो गई है.
UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधान परिषद में मनोनीत कोटे की 6 सीटें लंबे समय से खाली चल रही थी. अब बीजेपी कोटे से इन छह सीटों पर 6 नेताओं को एमएलसी बनाया गया है. इस लिस्ट में नृपेंद्र मिश्रा के बेटे समेत बेटे साकेत मिश्रा सहित छह लोगों को नाम शामिल हैं. बता दें कि विधान परिषद में मनोनीत कोटे के तीन पद 29 अप्रैल 2022 और तीन पद 27 मई 2022 से खाली हैं. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इन छह नए सदस्यों की नियुक्ति का प्रस्ताव सोमवार को मंजूर किया है. अब मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी इसकी अधिसूचना जारी कर दी है.
राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए गए विधान परिषद के सदस्यों में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर, पूर्व कैबिनेट सचिव नृपेंद्र मिश्रा के बेटे साकेत मिश्रा, रजनीकांत महेश्वरी, लाल जी निर्मल, राम सूरत राजभर और हंसराज विश्वकर्मा का नाम शामिल है.
मुस्लिम विरोधी छवि को भी दूर करने का किया प्रयास
यूपी की बीजेपी सरकार ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में राज्यपाल द्वारा मनोनीत किये जाने वाले सदस्यों के लिए छह नाम प्रस्तावित किए थे. जिनके नाम पर अब महुर लग गई है. इस नामों के जरिए बीजेपी ने जातीय संतुलन साधने की कोशिश के साथ ही मुस्लिम विरोधी छवि को भी दूर करने का प्रयास किया है. वर्तमान में 100 सदस्यीय उप्र विधान परिषद में बीजेपी के 74 सदस्य हैं, जबकि प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के नौ, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), अपना दल (सोनेलाल), निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और शिक्षक दल (गैर-राजनीतिक) के एक-एक सदस्य हैं. इसके अलावा स्वतंत्र समूह और निर्दलीय के दो-दो सदस्य हैं.
कौन हैं बीजेपी के नए 6 एमएलसी
साकेत मिश्रा एक निवेश बैंकर, नीति योगदानकर्ता और पूर्वांचल विकास बोर्ड के सलाहकार हैं। वह भारतीय प्रबंधन संस्थान, कलकत्ता और सेंट स्टीफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं. वहीं प्रोफेसर तारिक मंसूर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति हैं. इससे पहले, उन्होंने जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया. बीजेपी ने तारिक मंसूर के जरिये मुसलमानों में अपनी पकड़ बनाने की पहल की है तो लालजी प्रसाद निर्मल दलित वर्ग, हंसराज विश्वकर्मा और रामसूरत राजभर अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं.