Yogi 2.0 Plan For UP: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की बीजेपी (BJP) सरकार लोक कल्याण संकल्प के वादों को अमली जमा पहनाने में जुट गयी है. इसी कड़ी में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जल्द ही बुजुर्ग संतों, पुजारियों और पुरोहितों के कल्याण के लिए एक बोर्ड के गठन पर कार्य किए जाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा जल्द ही प्रयागराज (Prayagraj), मथुरा (Mathura), गोरखपुर (Gorakhpur) और वाराणसी (Varanasi) में 'भजन संध्या स्थल तैयार कराये जायेंगे. बुधवार को सीएम योगी व पूरे मंत्रिपरिषद के सामने धर्मार्थ कार्य, पर्यटन, संस्कृति व भाषा विभागों की कार्ययोजना का प्रेजेंटेशन किया गया.
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में चिन्हित 12 परिपथ के विकास कार्यों को जल्द पूरा किया जाये. इनमें रामायण परिपथ, बुद्धिष्ट परिपथ, आध्यत्मिक परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, कृष्ण/ब्रज परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, महाभारत परिपथ, सूफी परिपथ, क्राफ्ट परिपथ, स्वतंत्रता संग्राम परिपथ, जैन परिपथ व वाइल्ड लाइफ एंड इको टूरिज्म परिपथ उत्तर प्रदेश में पर्यटन को नई पहचान देंगे. उत्तर प्रदेश दिवस की तर्ज पर जनपद, गांव, नगर के इतिहास के प्रमुख दिवस पर विशेष आयोजन कराए जाएंगे.
डेवलप होगी ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली
100 दिनों के भीतर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली का विकास किया जाना चाहिए, जिसमें मंदिरों का विवरण, इतिहास, रूट मैप समेत अन्य जानकारी होगी. अयोध्या में जन्मभूमि पथ (सहादतगंज नया घाट मार्ग से सुग्रीव किला पथ श्रीरामजन्मभूमि तक) 'जन्मभूमि पथ' और अयोध्या मुख्य मार्ग से हनुमानगढ़ी होते हुए श्रीरामजन्मभूमि तक 'भक्ति पथ' 4 लेन मार्ग के निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जाएगा.
क्षेत्रीय भाषाओं, बोलियों की समृद्धि-संरक्षण के लिए 'सूरदास ब्रजभाषा अकादमी, गोस्वामी तुलसीदास अवधी अकादमी, केशवदास बुंदेली अकादमी, संतकबीरदास भोजपुरी अकादमी की स्थापना आगामी 100 दिनों में की जाएगी. श्रृंगवेरपुर में निषादराज गृह्य पर्यटन, लखनऊ में महाराजा बिजली पासी के किले पर लाइट एंड साउंड शो, बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक निर्माण के कार्य तेजी के साथ पूरा करने को सीएम ने कहा. आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक और सीतामढ़ी स्थल भदोही के विकास कि कार्ययोजना तैयार की जाएगी. प्रदेश में इको एंड रूरल टूरिज्म बोर्ड का गठन करने के आठ ही सभी 75 जिलों में पर्यटन एवं संस्कृति परिषद का गठन किया जाएगा.
पीपीपी मॉडल पर होंगे ये काम
मथुरा के बरसाना और प्रयागराज के झूंसी से त्रिवेणी पुष्प तक रोप-वे निर्माण होगा तो लखनऊ और प्रयागराज में हेली टूरिज्म को साकार किया जायेगा. पर्यटक आवासों का संचालन पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर करने की योजना बनी है. ऐसे ही आगरा और मथुरा के हेलीपोर्ट और आगरा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय का संचालन भी पीपीपी मोड पर किया जायेगा. सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, राजस्व और वन विभाग के अतिथि गृहों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर भी मोहर लगी.
सीएम के निर्देश में 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' नीति के तहत छतर मंजिल, दर्शन विलास कोठी लखनऊ, गोवर्धन की छतरियां, मथुरा, कर्मदेश्वर महादेव, काशी, चुनार किला, मिर्जापुर, बरूआ सागर झील किला में हेरिटेज मित्र का चयन किए जाने की बात है. वहीं एनसीसी, एनएसएस, युवक/महिला मंगल दल के माध्यम से 'पर्यटन मित्र' तैयार किए जाने की बात के साथ बलरामपुर के इमिलिया कोडर में थारू जनजाति संस्कृति संग्रहालय को यथाशीघ्र पूर्ण कराए जाने और राजकीय अभिलेखागार लखनऊ में आजादी की गौरव गाथा पराधारित वीथिका का निर्माण कराया जाने की बात भी शामिल है.
सीएम योगी के द्वारा इन योजनाओं पर भी काम करने के दिए गए निर्देश
संगीत नाटक अकादमी के स्टूडियो में कम्युनिटी रेडियो शुरू होगा जिसका नाम 'जयघोष' रखा जा सकता है. आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रदेश के 75 जनपदों के समृद्ध इतिहास से परिचय कराती 75 पुस्तकों का प्रकाशन कराया जाएगा. इसी प्रकार, राष्ट्रभक्ति पराधारित 75 लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाए, ऐसा सीएम योगी का मानना है. लखनऊ, सोनभद्र व लखीमपुर खीरी में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना की कार्ययोजना तैयार कराएं. कन्नौज में बाल संग्रहालय की स्थापना पर विचार करें.
अन्य निर्देशों में सीएम ने निर्देश दिया कि परंपरा की 'कल्चरल मैपिंग' कराई जानी चाहिए. साथ ही, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण कराने की कार्यवाही हो. हस्तिनापुर (मेरठ) व गोरखपुर में प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय के प्रयास हों. वाराणसी में संत रविदास संग्रहालय व सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना कराई जाए. सभी विश्वविद्यालयों में गौरव गैलरी की स्थापना कराया जाना चाहिए. रामसनेही घाट बाराबंकी में रामायण सांस्कृतिक केंद्र व शिल्पग्राम का विकास कराया जाना चाहिए. हैपिनेस इंडेक्स में सुधार के दृष्टिगत विभिन्न योग एवं आध्यात्मिक संस्थाओं से समन्वय कर कार्यशालाओं का आयोजन कराएं.