UP Board Results 2023: यूपी बोर्ड के रिजल्ट अप्रैल के आखिरी हफ्ते में होंगे जारी! शिक्षा मंत्री ने दी अहम जानकारी
UP Board Results 2023: शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा, करीब 50 लाख छात्र-छात्राओं उनके अभिभावकों और शिक्षकों को यूपी बोर्ड के नतीजों का बेसब्री से इंतजार है. जल्द ही इसका एलान कर दिया जाएगा.
UP Board Exam Results 2023: विश्व के सबसे बड़े शिक्षा बोर्ड यानी यूपी बोर्ड (UP Baord) की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं (Board Results 2023) के नतीजे 27 अप्रैल से पहले जारी कर दिए जाएंगे. करीब 50 लाख छात्र-छात्राओं उनके अभिभावकों और शिक्षकों को इन नतीजों का बेसब्री से इंतजार है. माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी (Gulab Devi) ने बताया की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम पूरा हो चुका है. अब रिजल्ट तैयार करने का काम चल रहा हैं.
शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने इस दौरान उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाने के फैसले पर भी बात की. उन्होंने कहा कि बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक शिक्षा सभी का एक आयोग बनेगा, जिसके आधार पर योग्य शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे. जिससे पढ़ाई में किसी प्रकार की कोई कमी या बाधा ना आए. इसमें जो नियम बनाए जाएंगे वह इस प्रकार से बनाए जाएंगे कि चाहे कोई अनुसूचित जाति का हो, पिछड़ी जाति का, सामान्य वर्ग का या अल्पसंख्यक सभी को नियमानुसार वरीयता होगी और अधिकार मिलेंगे. पारदर्शिता के आधार पर यह आयोग बन रहा, इस आयोग का नाम ही पारदर्शिता है.
अखिलेश यादव पर किया पलटवार
इन दिनों यूपी की सियासत में छात्रों के सिलेबस को लेकर भी जबरदस्त घमासान मचा हुआ है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सिलेबस से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की एक रचना हटाये जाने पर आपत्ति जताते हुए भाजपा से स्पष्टीकरण मांगा है. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा अपना स्पष्टीकरण भी दे और सभी रचनाओं को वापस सिलेबस में शामिल करें, जिस पर गुलाब देवी ने कहा कि जो हमारे विपक्षी सदस्य हैं पहले तो इस तथ्य को समझ लें, उसके बाद ही बोले तो ठीक रहेगा.
सिलेबस बदलने पर दिया जवाब
गुलाब देवी ने कहा कि अखिलेश यादव को ये जानकारी होनी चाहिए कि हिंदी की पुस्तक एक ऐसी है जो एनसीईआरटी से नहीं छपवाई जाती, वह हमारी अपनी है. उस पर हमने किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया है. शेष सारा सिलेबस एनसीईआरटी से जो निर्धारित है वही पढ़ाया जाता है. उसमें किसी प्रकार का चाहे कोई परिवर्तन हो या कुछ नया जोड़ा जाए उसमें हम कुछ नहीं कर सकते. वहां विषय विशेषज्ञों के द्वारा यह निर्धारित किया जाता है कि बच्चों के सार्वजनिक हित के लिए क्या उपयोगी होगा. यह किसी एक प्रदेश में नहीं है बल्कि कई प्रदेश में चल रहा है, तथ्यों की जानकारी लेकर ही विपक्ष को बोलना चाहिए.
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