UP Board Result 2023: यूपी बोर्ड रिजल्ट में टूटा 100 साल का रिकॉर्ड, जानें इस बार ऐसा क्या हुआ?
UP Board Class 10th and 12th Result Declared: हाईस्कूल में कुल 179 छात्रों ने टॉप-10 में जगह बनाई है, तो इंटर में यह संख्या 253 है. दोनों परीक्षाओं में कुल 432 छात्र टॉप-10 में शुमार रहे हैं.
UP Board Result 2023: उत्तर प्रदेश में महज 67 दिनों में यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी करके 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया गया है. नतीजों में हाईस्कूल के 89.78 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं, जबकि इंटरमीडिएट में 75.12 प्रतिशत छात्रों ने सफलता प्राप्त की है. सीएम योगी ने सभी उत्तीर्ण छात्रों को शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही उन्होंने परीक्षाओं में राज्य स्तर और जनपद स्तर पर शीर्ष 10 में आने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने की भी घोषणा की है. रिजल्ट के मुताबिक हाईस्कूल में कुल 179 छात्रों ने टॉप-10 में जगह बनाई है, तो इंटर में यह संख्या 253 है. दोनों परीक्षाओं में कुल 432 छात्र टॉप-10 में शुमार रहे हैं.
महत्वपूर्ण बात ये है कि यूपी बोर्ड की परीक्षा सीबीएसई के 1 दिन बाद 16 फरवरी से शुरू हुई थी लेकिन यूपी बोर्ड का रिजल्ट सीबीएसई से पहले घोषित कर दिया गया, वह भी तब जब सीबीएसई की तुलना में यूपी बोर्ड में कई गुना छात्र अधिक हैं.
मंगलवार को माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक महेंद्र देव और सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजे घोषित करते हुए इस उपलब्धि के बारे में जानकारी दी. बोर्ड के निदेशक महेंद्र देव ने बताया कि हाईस्कूल में सीतापुर की प्रियांसी सोनी ने 600 में 590 अंक लाकर शीर्ष स्थान हासिल किया है. वहीं, इंटर में महोबा के शुभ छापरा 500 में 489 अंक के साथ शीर्ष पर रहे हैं. बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 100 सालों के इतिहास में सबसे पहले परीक्षाफल घोषित करने का कीर्तिमान स्थापित किया है. उन्होंने बताया कि 1921 में बोर्ड के गठन के बाद पहली बार 1923 में बोर्ड परीक्षा का संचालन किया गया था. तब से अब तक सबसे कम समय में बोर्ड ने परीक्षाफल घोषित किया है. इससे पहले 2019 में सबसे कम समय में 27 अप्रैल को परीक्षाफल की घोषणा हुई थी. तब 7 फरवरी से परीक्षा की शुरूआत हुई और 89 दिन में परीक्षाफल घोषित किया गया. इस बार 16 फरवरी के बाद परीक्षाएं आयोजित कराई गईं और कुल 67 दिन में रिजल्ट घोषित कर दिया गया.
मूल्यांकन में भी यूपी बोर्ड ने एक और इतिहास रचा
दिब्यकांत शुक्ल ने ये भी बताया कि 30 सालों में यह पहला अवसर रहा जब कोई पेपर न तो वायरल हुआ, न ही रांग ओपनिंग हुई, न ही कोई परीक्षा रद्द की गई और न ही सामूहिक नकल हुई. उन्होंने बताया कि विश्व का सबसे बड़ा बोर्ड होने के नाते यह गौरव की बात है कि विगत 100 साल में यह पहला अवसर है जब सारे रिजल्ट पूर्ण हैं. पहले किसी न किसी वजह से कुछ रिजल्ट अपूर्ण रह जाते थे.
बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भी यूपी बोर्ड ने एक और इतिहास रचा है. यूपी बोर्ड के सभापति डॉ महेंद्र देव ने बताया कि इस बार यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 18 मार्च से शुरू हुआ था. उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने के लिए प्रदेश में 258 केंद्र बनाए थे जिनमे कुल 3.19 करोड़ पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाना था. इसके लिए 1,43,933 परीक्षक लगाए गए थे. उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पूरा होने की तिथि 1 अप्रैल तय की गई थी, लेकिन बोर्ड ने एक दिन पहले यानी 31 मार्च, 2023 को ही मूल्यांकन पूरा कर लिया. यह भी एक कीर्तिमान है. ओएमआर शीट पर पहली बार हुई हाईस्कूल की 20 अंकों की परीक्षा का मूल्यांकन परीक्षा के दौरान ही शुरू करा दिया गया था. मूल्यांकन केंद्रों के चारों ओर 100 मीटर की परिधि में धारा 144 के बीच कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरों की नजरों के बीच पारदर्शी तरीके से मूल्यांकन संपन्न कराया गया.