प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। योगीराज में होने जा रही यूपी बोर्ड की तीसरी परीक्षा में नकल रोकने के लिए इस बार परीक्षा केन्द्रों पर ब्राडबैंड और राउटर लगाने की तैयारी कर रहा है, ताकि इंटरनेट कनेक्शन होने पर वेब कास्टिंग के जरिए परीक्षा केन्द्रों की ऑन लाइन मानीटरिंग की जा सके। यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव के मुताबिक यदि परीक्षा केन्द्र में ब्राडबैंड और राउटर लगे हैं और इंटरनेट कनेक्शन मौजूद है तो परीक्षा केन्द्र की आईडी और पासवर्ड डालकर आसानी से यूपी बोर्ड के दफ्तर में बैठकर परीक्षा केन्द्र की गतिविधियों को देखा जा सकता है। यूपी बोर्ड की सचिव के मुताबिक नकल विहीन, पारदर्शी परीक्षा कराने के लिए पहले वर्ष जहां परीक्षा केन्द्रों में सीसीटीवी कैमरे लगवाये गए थे। वहीं दूसरे वर्ष उनमें वायस रिकार्डर लगवाया गया था। जिससे नकल माफियों के हौसले पस्त हुए थे और नकल का ग्राफ भी गिरा है। लेकिन इस बार की परीक्षा में यूपी बोर्ड नया प्रयोग करने जा रहा है।


यूपी बोर्ड की सचिव ने कहा है कि इसके साथ ही नकल रोकने के लिए दूसरे उपाय भी जारी रखे जायेंगे। बोर्ड परीक्षा के लिए 2010 में कोडेड कापियां भेजी जा रही हैं। इसके साथ ही इस बार कापियों में कुछ नये फीचर्स भी जोड़े जा रहे हैं। जिससे नकल होने की संभावना को पूरी तरह से खत्म किया जा सके। इसके लिए दस जिलों में स्टेपल के बजाय सिलाई वाली कापियों को भेजा जायेगा। नकल रोकने के लिए ही इस बार परीक्षा केन्द्रों की संख्या भी कम कर दी गई है।


पिछले वर्ष प्रदेश में जहां कुल 8354 परीक्षा केन्द्र बने थे। वहीं इस वर्ष 7761 परीक्षा केन्द्र प्रस्तावित हैं। जिसकी फाइनल सूची 30 नवंबर तक जारी होगी। सचिव के मुताबिक इस बार यूपी बोर्ड ने राजकीय और एडेड कालेजों को परीक्षा केन्द्र बनाये जाने में प्राथमिकता दी है। जबकि सेल्फ फाइनेंस वाले कालेजों की संख्या काफी कम कर दी गई। गौरतलब है कि 2020 की यूपी बोर्ड की परीक्षायें 18 फरवरी से शुरु होकर 6 मार्च तक चलेंगी।


जबकि परीक्षा कार्यक्रम एक जुलाई 2019 को ही यूपी के शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने जारी कर दिया था। ताकि छात्र-छात्राओं को परीक्षा कार्यक्रम को लेकर कोई भ्रम न रहे और उन्हें तैयारी करने का पूरा मौका मिल सके। वहीं इस बार की बोर्ड परीक्षा में पिछले साल की तुलना में छात्र-छात्राओं की संख्या लगभग दो लाख कम हुई है। पिछले साल हाई स्कूल और इण्टर में जहां 57 लाख 93 हजार 621 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। वहीं इस बार 56 लाख एक हजार 34 परीक्षार्थी ही पंजीकृत है। इस तरह से परीक्षार्थियों की संख्या में भी एक लाख 94 हजार 722 की कमी आई है।