ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के छात्र ने हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा में कमाल किया है. सीबीएसई हाई स्कूल का रिजल्ट घोषित हो चुका है. ग्रेटर नोएडा डीपीएस स्कूल में पढ़ने वाले दसवीं के छात्र मोहम्मद जैद हसन ने बोर्ड परीक्षा में 97.4 फ़ीसदी अंक प्राप्त किए हैं. वहीं जैद ने संस्कृत भाषा में 100 में से 100 फीसद अंक भी प्राप्त किए हैं. जिससे स्कूल और अपने माता पिता का नाम रोशन किया है. सीबीएसई हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा में मोहम्मद जैद हसन ने 500 में से 487 अंक प्राप्त किए हैं. संस्कृत भाषा पढ़ने में काफी रुचि आती है. जैद आईआईटी से पढ़ाई करके इंजीनियर बनना चाहते हैं.


सीबीएसई हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा का परिणाम घोषित होते ही ग्रेटर नोएडा के डीपीएस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र मोहम्मद जय दाता ने बोर्ड परीक्षा में 97.4 अंक प्राप्त किए हैं. इसके साथ-साथ उन्होंने कठिन भाषा कही जाने वाली संस्कृत भाषा में 100 में से 100 फीसद अंक प्राप्त किए हैं. ज़ैद ने 500 में से 487 अंक प्राप्त किए हैं. ज़ैद के माता-पिता पेशे से डॉक्टर हैं और उनके विचार सामाजिक सद्भावना से प्रेरित हैं.


परिवार के यही संस्कार ज़ैद के अंदर भी आए हैं. संस्कृत के प्रति रुचि बनने का श्रेय ज़ैद ने अपने संस्कृत शिक्षक सुधाकर मिश्र को दिया है. जिनके मार्गदर्शन में उसने संस्कृत की मधुरता और उसके सौंदर्य का अनुभव किया. उन्हें बचपन से ही संस्कृत पढ़ने में काफी रुचि रही है. हालांकि और लोग संस्कृत भाषा को काफी कठिन मानते हैं. लेकिन जैद ने कहा कि भाषा का कोई धर्म नहीं होता. ध्यान से पढ़े तो वह काफी मधुर और सरल भाषा है.
छात्र ने इसका क्रेडिट अपने माता-पिता और टीचर को दिया. उनका कहना है कि उनके अध्यापक ने उन्हें काफी अच्छी तरह से इस भाषा को समझाया जिससे उन्हें यह भाषा समझ सके. और परीक्षा में उन्हीं की बदौलत सही परिणाम लाया जा सकता है. जैद इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आईआईटी से पढ़ाई करके वह इंजीनियर बनना चाहते हैं. क्योंकि उनके बड़े भाई भी आईआईटी गांधीनगर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं.


मोहम्मद जैद हसन के माता पिता पेशे से डॉक्टर हैं. उनके पिता डॉक्टर के एम हसन जेपी अस्पताल नोएडा में न्यूरोलॉजिस्ट है. उनकी माता डॉक्टर नाजिया हसन बाल रोग विशेषज्ञ हैं. इनका परिवार ग्रेटर नोएडा के एडब्ल्यूएचओ सोसाइटी में रहता है. और छात्र डीपीएस स्कूल ग्रेटर नोएडा में पढ़ाई कर रहा है. इनके पिता डॉक्टर केएम हसन ने कहा कि विश्व की सभी भाषाएं अच्छी है. लेकिन संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति को दर्शाती है. आज के दौर में हम लोग विदेशी भाषा को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही हैं. वही अपनी मातृभाषा हिंदी संस्कृति उर्दू को भूलते जा रहे हैं. मोहम्मद जैद हसन रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई करते हैं. उनका कहना है कि भाषा का कोई धर्म नहीं होता है. अगर भाषा को सही तरीके से समझा और पढ़ा जाए तो आप अपने मुकाम पर जल्द पहुंच सकते हैं.


आज के युग में विदेशी भाषा यानी कि इंग्लिश को लोग ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं. लोग घर स्कूल और समाज में हर जगह इंग्लिश भाषा को ज्यादा अहमियत दी जाने लगी है. वही अपनी मातृ भाषाओं को भूलते जा रहे हैं. जैसे कि हिंदी संस्कृत उर्दू को छात्र ना ही समझ पाते हैं. ना ही पढ़ पाते हैं. कुछ छात्र तो हिंदी उर्दू को पढ़ना तौहीन समझते हैं. संस्कृत भाषा का कोई धर्म नहीं होता है. सभी को संस्कृत भाषा पढ़नी चाहिए. मोहम्मद जैद हासन ने यह कर दिखाया कि कोई भी भाषा कठिन नहीं होती है.