सपा-बसपा गठबंधन टूटने का अखिलेश का दावा गलत, मायावती के करीबी ने बताई पूरी कहानी
UP News: सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जब यह गठबंधन टूटा तब आजमगढ़ में उनके साथ सपा और बसपा दोनों के बड़े नेता मंच पर मौजूद थे और गठबंधन अचानक से टूटा.
Akhilesh Yadav Mayawati Alliance: साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान सपा और बसपा के गठबंधन के टूटने के कारण को लेकर सियासत पिछले दो दिनों में गर्म हुई है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी बुकलेट में गठबंधन टूटने का कारण बयां किया तो अखिलेश ने भी मंच से अपनी बात रखी पर अब बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने एबीपी लाइव से बातचीत करते हुए कहा कि अखिलेश यादव गलत बोल रहे हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद कई बार सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव को फोन किया था. राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के भी अनेक प्रयासों के बाद भी सपा मुखिया अखिलेश से बात नहीं हो पाई थी फिर इस कारण गठबंधन टूटा .
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को बांटी गई पुस्तक में लिखा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद समाजवादी पार्टी से संपर्क ना बन पाने के कारण उनका गठबंधन टूटा. उन्होंने आरोप लगाया था कि 2019 चुनाव के रिजल्ट के बाद कई बार उन्होंने सपा मुखिया से बात करने का प्रयास किया लेकिन उनकी अखिलेश यादव से बात नहीं हो पाई थी. जिसके जवाब में अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब यह गठबंधन टूटा तब आजमगढ़ में उनके साथ सपा और बसपा दोनों के बड़े नेता मंच पर मौजूद थे और गठबंधन अचानक से टूटा. उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी और उन्होंने मंच से ही बसपा सुप्रीमो को फोन किया कि मंच के नीचे मीडिया खड़ी है, गठबंधन क्यों टूटा उसको क्या जवाब देना है.
इस बारे में एबीपी लाइव से बातचीत करते हुए बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश यादव से कई बार फोन करने का प्रयास किया और वह यह आश्वासन देना चाहती थी कि यह चुनाव है, कोई बात नहीं. भले ही हम 10 सीट जीते हैं और आप पांच सीट जीते हैं, चुनाव में ऐसी चीज होती रहती हैं. लेकिन सपा मुखिया का फोन नहीं उठा.
वहीं बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भी कई बार प्रयास किया अखिलेश यादव से बात करने का लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई. तब बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी राष्ट्रीय कमेटी की बैठक में दिल्ली में गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया और जब दिल्ली में राष्ट्रीय कमेटी की बैठक हुई तब राष्ट्रीय स्तर के सभी बड़े नेता दिल्ली में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जिन बड़े नेताओं के आजमगढ़ में मंच पर होने की बात कह रहे हैं वह बिल्कुल गलत है.
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